मध्यप्रदेश हमारा
सौम्य, सुसज्जित, शालीनता का है परिवेश हमारा,
चलते हैं,
जिस पर पग-पग, वह मध्यप्रदेश हमारा ।
हिन्दू, मुस्लिम,
सिक्ख, ईसाई सबका है यह संदेश,
जहां रहते हैं हम सब मिलकर ऐसा मध्य
प्रदेश हमारा।
अमरकंठ से निकली
नर्मदा से सिंचित यह अधिशेष,
धन्य हुआ वह आंगन-आंगन
जिनमें मध्य प्रदेश हमारा।
असीम सौंदर्य और
विविधता का जिसमें है समावेश,
शब्द ना रुकते गुणगानों
से ऐसा है मध्यप्रदेश हमारा ।
शिक्षा और
संस्कार समाहित ऐसे निकले व्यक्ति विशेष,
नाम हुआ जिनसे इस
थल का वह मध्यप्रदेश हमारा ।
भारत का यह दिल
है यारों सब में है यही विशेष,
रखें स्वच्छ और
सुगम बनाएं है यह मध्यप्रदेश हमारा।
रचना:सतीश कुमार सोनी
जैतहरी, जिला-अनूपपुर (मध्य प्रदेश)
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