काव्यमय पर्यावरण महोत्सव 2020
(दिनांक- 21 मई 2020 से 5
जून 2020)
भूमिका
ब्रह्माण्ड के बारे में जितना हमे ज्ञात है उसके आधार पर हम यह कह सकते
हैं कि केवल पृथ्वी पर ही जीवन उपलब्ध है और जीवन की इस घटना एवं संभावना के पीछे
मूल कारण है पर्यावरण। यही वह आवरण है जो पृथ्वी की सतह पर मानव सहित दूसरे जीव के
जीवित बने रहने में सहायक है। इसलिए पर्यावरण के प्रति न केवल हमारी नैतिक
जिम्मेदारी बनती है, बल्कि यह सम्पूर्ण मानव समाज
के अस्तित्व से जुड़ा सवाल भी है।
हालांकि पर्यावरण के संबंध में सभी को कम अथवा ज्यादा पता
है पर एक समूहिक ज़िम्मेदारी की भावना एवं समझ को रोपा जाना शेष है। पर्यावरण के
क्षेत्र में विगत के 2 -3 वर्षों में प्रारंभिक कार्य
झांपर क्षेत्र ब्योहारी के आंचलिक स्तर पर मेजर केके जी एवं मेरे समेत क्षेत्र के
युवाओं के प्रयासों से
विगत
वर्षों में उत्कर्ष मंच के माध्यम से पौधे वितरण का कार्य किया गया था पर विभिन्न अवसरों के माध्यम
से इसकी पुनरावृत्ति को बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। इन्ही विचारों को केंद्र में
रखकर पर्यावरण की सामूहिक जिम्मेदारी को एक मंच पर लाने का विचार श्री सुरेंद्र जी
मन में
आया
जिसे उन्होंने श्री के के जी के साथ साझा कर आगे कुछ करने की मंशा व्यक्त की । यह माना गया कि पर्यावरण दिवस
के आसपास सरकारी अथवा गैर सरकारी संगठनो या स्व उद्भूत प्रेरणा से पर्यावरण के
प्रति लोग कुछ न कुछ करते ही हैं। यदि उनका कार्य एक मंच विशेष पर एक साथ दिखेगा
तो वह भविष्य की स्मृति के रूप में प्रेरणादायक के साथ साथ धरोहर होगा साथ ही
पर्यावरण के प्रति कुछ करने की आत्मप्रेरणा जागृत होगी ।
5 जून को पर्यावरण के उपलक्ष्य
पर
श्री
सुरेंद्र जी के
प्रारंभिक
विचार को अंचल के सक्रिय युवा साथियों के मध्य साझा करने के उद्देश्य
से मेजर के के जी ने मेरे (ई. प्रदीप) समेत क्षेत्र के सम्मानित सदस्य साथियों
जैसे श्रीनिवास जी, रवीन्द्र जी नौगमां, अखिलेश जी खड्डा , डॉ० बंशबहादुर वीरेंद्र जी भोगिया, सुनील जी भोगिया , सुरेंद्र जी तेन्दुआड ,आकाश जी उक्सा, एवं अन्य से इस विषय पर चर्चा एवं विचार-विमर्श उपरांत एक व्हाट्सप ग्रुप का
निर्माण कर सभी पर्यावरण प्रेमियों को एक साथ लाये एवं ऑनलाइन अल्बम निर्माण पर
विचार किया गया । आपसी सहकार्य एवम् व्यक्तिगत
प्रयास
पर
आधारित 15 दिवसीय काव्यमय पर्यावरण
इन्हीं उद्देश्यों विचारों का मूर्तरूप है ।
कार्यक्रम के संचालन हेतु निम्नलिखित एजेंडा रखा
गया:-
1. 15 दिवसीय काव्यमय पर्यावरण महोत्सव अंतर्गत
दिनांक 21 मई से 5 जून तक पर्यावरण महोत्सव मनाया जाएगा।
2. यह गतिविधि सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करते
हुए व्यक्तिगगत स्तर पर मनाया जाएगा।
3. इसके अंतर्गत दी गई अवधि में
व्यक्ति/परिवार/संस्था अपने स्तर पर पर्यावरण के संबंध में किये गए कार्य की एक
फोटोग्राफ भेजेंगे।
4. फोटोग्राफ के साथ कम से कम दो और अधिक से
अधिक चार पंक्ति की कविता टेक्स्ट फॉर्मेट में भेजना है जो पर्यावरण पर अथवा उसके
किसी भी घटक यथा जल, वायु, वृक्ष, वन, वन्यजीव, नदियां, प्रकृति, पर्यावरण चेतना आदि से सम्बन्धित हो।
पर्यावरण से सम्बंधित नारे भी सादर आमंत्रित हैं।
5. फोटोग्राफ्स, और दो-चार पंक्ति की कविता के साथ
व्यक्ति/संस्था का पता जो प्रकाशित कराना चाहें, निर्धारित व्हाट्सप ग्रुप में भेजा जाना है।
6. आपके द्वारा भेजे गए फोटोग्राफ्स, कविता और नाम-पते को ऑनलाइन एलबम के रूप में
प्रकाशित किया जाएगा। जिसे पीडीएफ फ़ाइल के रूप में भी संग्रहित किया जाएगा।
7. यह गतिविधि पर्यावरण संरक्षण के प्रति
समर्पित है जिसमें भाग लेना पूर्णतः स्वेच्छिक और निःशुल्क है।
8. इसकी कुछ गतिविधियां निम्नानुसार प्रस्तावित
हैं, अन्य
गतिविधियां प्राप्त सुझाव अनुसार जोड़ी जा सकेंगी।
a. आपके घर/संस्था के आसपास
उपलब्ध जमीन पर सहज/ सुलभ उपलब्ध पौधों का रोपण करना- यथा नींबू, आम, अमरूद आदि।
b. आपके घर/संस्था के आसपास
के परिवेश को पॉलीथिन/कचड़ा मुक्त करने के लिए किया गया आपका कार्य।
c. पक्षियों/
जीवों को गर्मी में पानी का प्रबंध करने हेतु आपके द्वारा किया गया कोई कार्य।
9. कृपया सुनिश्चित करें कि पौध की व्यवस्था
स्वयं के स्तर पर करना है।
10. प्राप्त सामग्री का प्रकाशन उपलब्ध होने के
दिनांक एवं समय के क्रम में किया जाएगा। एक बार प्राप्त सामग्री में बदलाव नहीं
किया जाएगा।
11. 5 जून
रात्रि 9 बजे तक पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रम से
जुड़े चार लाइन की कविता आदि प्रेषित करें। यही सामग्री प्राप्त करने का कट ऑफ समय
भी रहेगा।
-:भावी योजना:-
जैसा की उपरोक्त उल्लेख किया गया है की विगत के वर्षों में
उत्कर्ष प्रतिभा खोज के मंच के माध्यम से युवा साथियों के साथ मिलकर पर्यावरण के प्रति
चेतना जागृत करने के उद्देश्य से सम्मान एवम् भेंट के रूप में पौधों को
वितरित कर हमारे सामाजिक कार्यों में पर्यावरण को सम्मिलित करने की बुनियाद रखी
गयी । आज उनमे से कई पौधे वृक्ष
बनकर हमारे पर्यावरण का हिस्सा हैं। पिछले 15- 20 दिनों में पर्यावरण को लेकर जो उत्साह, समर्थन और प्रेम देखने को
मिला है उससे पर्यावरण प्रेमियों का एक स्थायी समूह बनाने की महती आवश्यकता महसूस होती
है जिसे विवध रूपों में स्थानीय साथियों के मध्य उपयोगी बनाया जा सकता है। ग्रुप में चर्चा उपरांत हमें
महसूस हुआ की कई सदस्य पौधारोपण के विशेषज्ञ हैं जिनकी योग्यता को अन्य लोगों के
लिए सुलभ और लाभकारी बनाने में यह ग्रुप मददगार बन सकता है । अतः भविष्य में भी इस प्रयास को
बनाये रखने एवं खेती किसानी व पर्यावरण के विचार को विस्तार देने के लिए भावी
योजना पर कार्य किया जायेगा। इस सम्बन्ध में आप सभी से सहयोग व सुझाव
अपेक्षित है।
-:सक्रिय सहभागिता:-
यूँ तो सभी सदस्यों ने इस काव्यमय पर्यावरण महोत्सव में बढ़-चढ़कर योगदान
किया है फिर भी कुछ कवियों ने लगभग प्रतिदिन ही नवीन पंक्तियाँ एवं उकृष्ट , मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक
कविताएं/ संदेश भेजकर पर्यावरण के प्रति अपने प्रगाढ़ प्रेम को प्रस्तुत
किया उनमें प्रमुख रचनाकार हैं:-
श्री रामसहोदर पटेल जी शिक्षक, अनूपपुर के कवि डीए प्रकाश
खाण्डे ,मनोज कुमार चंद्रवंशी, बीएस कुशराम, अंजलि सिंह , उमरिया मानपुर के प्रमुख कवि धर्मेंद्र जी, शिवानंद पटेल जी शशि द्विवेदी एएसआई पाली, श्री सुरेन्द्र पटेल ब्लागर
"आपस की बात सुने"
इसी कार्यक्रम के माध्यम से हमें पौधरोपण एक्सपर्ट श्री राम राज जी के बारे में
भी ज्ञात हुआ एवं उनसे हमने काफी जानकरियां प्राप्त की एवं श्री रामानंद जी के
बारे में भी पता चला जो की सरकारी सहयता से सरकारी भूमि में पौधरोपण का कार्य विगत 5 वर्षों से कर रहे हैं । वीरेंद्र जी भोगिया द्वारा
सागौन का कलम स्वयं तैयार कर अपने खेत में वृक्षारोपण किया गया है । आप सभी के ज्ञान और जानकारी
का लाभ सभी लोगों को मिले, ऐसी आशा है।
रोपे गए पौधे की संख्या को आपके द्वारा स्वेच्छा से दी गयी जानकारी के आधार पर
श्री श्रीनिवास जी
के
द्वारा एक डेटाबेस के रूप में संधारित किया जा रहा है, ताकि कार्यक्रम की सार्थकता
का
मूल्यांकन
किया जा सके और आगामी सुदृण योजना बनायीं जा सके।
इस महोत्सव में सक्रिय रहकर सदैव के लिए अविस्मरणीय बनाने
के लिए हमारे ब्योहारी, मानपुर, अनूपपुर शहडोल उमरिया क्षेत्र
के आप सभी युवा साथी:-
राजेश जी सनौसी
प्रदीप कुमार पटेल मैनेजर सुखकिसान
शिवा पटेल,
इंजी अनिल पटेल खैरख्वाह आखेटपुर,
विमलेश पटेल बेटू स्टुडियो,
आकाश पटेल उकसा ,
भानू पटेल जी आमडीह,
रामराज जी ढोंढा,
रामानुज पटेल जी नौगवां,
रामानुज पटेल जी नौगवां,
राहुल सिंह जी तेन्दुआढ,
रामानंद जी झरौंसी,
अनिल जी तेन्दुआढ,
अविनाश बेटू पटेल जी
कमलेश नारायण सिंह उकसा,
बालेन्द्र पटेल जी,
अनिल पटेल नगनौडी,
सतीश सोनी, जी,
रामकिशोर पटेल जी बरहाटोला,
लवकेश पटेल जी,
प्रभु पटेल पिपरिया अनूपपुर,
वीरेंद्र सिंह बीरू मंटोला,
पंकज कुमार यादव जी,
अरुण कुमार पटेल जी,
तेजभान पटेल जी,
वैज्ञानिक परसुराम पटेल जी आखेटपुर नाईजीरिया लागोस,
अभयराज सिंह मनु जी,
विधार्थी पटेल जी,
पुष्पेंद्र/ रामधेश पटेल जी युवा नेता आखेटपुर,
संजय पटेल आखेटपुर,
राजकुमार कुशवाहा जी,
कुलदीप पटेल जी कवि,
ज्ञानेन्द्र दीपचंद पटेल कछौहा,
पुष्पराज पटेल जी,
उमेश पटेल जी,
अमित पटेल जी खड्डा,
छोटू जी,
शिवम् साहू जी रथेली उमरिया,
इंजी सीएल किराड़े जी पाली प्रोजक्ट उमरिया,
लक्ष्मीकांत पटेल सिगुडी मानपुर,
नीरज पटेल जी,
शिवेंद्र सिंह पटेल जी,
गब्बर सिंह जी,
उमाशंकर मरकाम जी,
विवेक पटेल मानपुर,
देवेन्द्र पटेल आखेटपुर ,
कुर्मी मंगानी पटेल बिजहा,
ओम पटेल भोगिया,
बितुल पटेल तेन्दुआढ,
अजीत जी,
रामरहीश पटेल उकसा,
गजराज सिंह पटेल
हिमांशु पटेल जी,
प्रभात पटेल जी,
अनीश पटेल जी झरौंसी,
राजकुमार पटेल जी,
अरुण पटेल जी सेमरी मानपुर,
आर के जी पुरैना मैनेजर शिव शक्ति फर्टिलाइजर कंपनी
अखिलेश पटेल रसपुर,
वरिष्ठ जनों में जिनका आशीर्वाद रहा उनमें
श्री नरेन्द्र प्रसाद पटेल जी, श्री रामसहोदर पटेल जी, अनिल कुमार पटेल जी शिक्षक
एवं जिलाध्यक्ष प्रमुख रहे हैं।
आप सभी पर्यावरण प्रेमियों के सहयोग, उपक्रम और समन्वय से
दिनांक 21 मई
2020
से 5 जून 2020 के मध्य सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। 15 दिवसीय इस यात्रा को
आपकी कविताओं ने अलग-अलग रंग, व्यंग्य, साहस,क्रिया-प्रतिक्रिया और
नोंक-झोंक से और पर्यावरण के
छायाचित्रों
से
जीवांत और यादगार बना दिया , जिसके लिए हम सभी आप
पर्यावरण प्रेमियों के आभारी हैं एवं धन्यवाद प्रेषित करते हैं। भविष्य में भी पर्यावरण को लेकर
हम इसी तत्परता, उत्सुकता, शक्ति और प्रेरणा के साथ
कार्य करते रहेंगे इसी आशा एवं विश्वास साथ!
(भूलना मानवीय त्रुटियों में
से एक है, सक्रीय सहभागिता के बावजूद
यदि किसी का नाम रह गया हो तो स्मरण दिलाने का कष्ट करें, उनकी सहभागिता का उल्लेख
करते हुए नाम भेज दें, संशोधन कर शामिल कर लिया
जायेगा)
समस्त पर्यावरण प्रेमी सदस्यों
की ओर से
ई. प्रदीप पटेल
ग्राम-उकसा, ब्योहारी, जिला-शहडोल
निवर्तमान- नागपुर, महाराष्ट्र
⇓
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क्लिक ⇒ काव्यमय ऑनलाइन एलबम
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अन्य महत्वपूर्ण लिंक:-
14 टिप्पणियां:
मै ग्राम पंचायत ढोंढा का हूं मेरा नाम अंकित पटेल पिता श्री रमकलेश पटेल है, मै यूट्यूब के माध्यम से पढ़ाता हूं मेरा चैनल ABS CLASSES है, मै इसमें पूरे वीडियो डालकर अपने युवा साथियों को आगे बढ़ाने की कोशिश करता हूं।। सामाजिक कार्य भी मुझे बहुत पसंद है,
आभार
सुरेंद्र जी आपके सहयोगी मित्रों और आपका प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण रूप से सराहनीय है आप के द्वारा जिस तरह प्रकृति को निकटता से जानने का जो प्रयास किया है अत्यंत बधाई के काविल कार्य है । मैं आप सभी का शत शत नमन करता हूँ । आप का कार्य भविष्य में भी जारी रहे यह दिल से दुआ है ।
अनुराग चन्देरी
पर्यावरण के प्रति अति संवेदनशील होकर हमारे अग्रज सहयोगी बन्धु श्री निवास पटेल जी,श्री सुरेन्द्र कुमार पटेल जी, हमारे परममित्र सहपाठी के के पटेल जी और पर्यावरण महोत्सव ग्रुप पर प्राकृतिक रंगों (हरियाली)से धरा को रंगने वालें मेरे साथियों-
आप सबको कोटि-कोटि धन्यवाद और प्रणाम।आप सबके अथक प्रयास से आज पर्यावरण महोत्सव सफलतापूर्वक फलीभूत हुआ है। आशा है भविष्य में सामाजिक एवं प्राकृतिक उत्थान के लिए, हर प्रकार के द्वेष का परित्याग कर आकांक्षाओंके अनुकूल सहभागी रहेगें। जबसे पर्यावरण महोत्सव ग्रूप का निर्माण कर पौध रोपण और पौध संरक्षण का अभियान एक स्वर से छेड़ा गया तब से आज तक का सफर बहुत ही सार्थक एवं अकल्पनीय रहा है। समस्त जन सैलाव में वृक्षारोपण की जिज्ञासा उमड़ी है। प्राकृतिक पर्यावरण के लोगों में नयें उमंग का संचार हुआ है।और मुझे तो इसका लाभ दोहरा प्राप्त हुआ है ,वर्षों से खोए हुए नयें और पुराने मित्रों से रुबरु होने अवसर प्राप्त हुआ है। ग्रुप में मैंने अपनी आकांक्षाओं को रखा और उसे मैनेजमेंट टीम ने उसे आत्मसात करते हुए साकारात्मक पहल की उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। साथियों अभी इसको मात्र एक पड़ाव। समझना है इस मुहिम को और अधिक सक्रिय होकर अनवरत चलाना है, क्योंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संसार के सभी जीवों के लिए लाभकारी है। साथियों जगत हित में जो भी काम करेंगे और मुझसे सहयोग की अपेक्षा रखेंगे, तो मैं हमेशा आर्थिक,शारीरिक और मानसिक सहयोग करने में कोई कसर नहीं छोडूंगा।और विश्वास है आप सभी इन्हीं परिकल्पनाओं में सहभागी होंगे।आप सबका प्रयास बहुत ही सार्थक रहा इसे सदैव कायम रखें। इन्हीं शुभ संदेश के साथ आप सबको बारंबार प्रणाम और धन्यवाद आपका आर आर पी जंगली ग्राम ढोढा़
AAP sabhi ke es utkarshth Kary ke liye kokoti sadhuvaad tatha es lockdown me aapke es prash air rashth hit me pryavrneey karykram ke liye desh ke nagarik ke Roop me mere oar see AP sabhi ko dhanyavaad....
Thanks again for your support...
Anil Dwivedi
बहुत-बहुत धन्यवाद। आभार।
जी, आपका बहुत-बहुत आभार। आपने बहुत दिनों तक ग्रुप में रहकर उक्त गतिविधि के अवलोकन किया है, इसके लिए बहुत-बहुत आभार। मुझे और मेरे साथी मित्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।आभार।
यह स्वाभाविक है कि कोई भी विचार किसी एक के मन में प्रस्फुटित होता है, उस विचार को बड़ा वे बनाते हैं जो लोग उस विचार को अंगीकार करके पल्लवित और पोषित करते हैं। आप सभी ने जो उदार हृदय का परिचय देते हुए एक नवीन कार्य के संपादन में सहयोग दिया है, उसके लिए ब्लॉगर टीम के सभी सदस्य आपके आभारी हैं और कुछ अच्छा करने की अपेक्षाओं के साथ आपका व्यक्त करते हैं।
मेरे और मेरे साथियों के प्रति आपकी सहृदयता के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। आपके ये भाव मेरे लिए सदैव अविस्मरणीय रहेंगे।
-आपका अनुज
सुरेन्द्र कुमार
इस भावनात्मक लगाव और सहयोग के लिए सहृदय धन्यवाद अनुराग जी।
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