📍विश्व महिला दिवस 2021📍
ओ भारत की नारी --कला तेरी जग में है न्यारी।
दुर्गावती दलपत की रानी,
मुगलों को की पानी पानी।
झलकारी और लक्ष्मी बाई,
अंग्रेजों से लड़ीं। लड़ाई।।
रण में करीं किलकारी -कला तेरी जग में है न्यारी।।
प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई,
शिक्षा की ओ अलख जगाई ।
कमला कस्तूरबा भीमाबाई,
त्याग भावना सबको सिखाईं।।
गुण गाए जग सारी --कला तेरी जग में है न्यारी।।
सरोजिनी नायडू प्रथम गवर्नर,
भारत गर्वित होता है इन पर।
दूरदर्शिता इंदिरा जी की,
कविता सुभद्रा की लगे नीकी।।
इनसे है दुनिया हारी --कला तेरी जग में है न्यारी।।
राष्ट्रपति थीं प्रतिभा ताई,
संसद में मीरा धाक जमाई।
मुख्यमंत्री रही माया ललिता,
बंगाल शेरनी बनी है ममता।
सुषमा थीं संसद में भारी --कला तेरी जग में है न्यारी।।
ऐसी तुम भी बन सकती हो,
इनसे भी आगे बढ़ सकती हो।
शर्त यही है पढ़ो पढ़ाओ,
खुद भी बढ़ोऔर सब को बढ़ाओ।।
यही है सीख हमारी --कला तेरी जग में है न्यारी।।
माना शर्म तुम्हारी गहना,
पर अब जागो चुप ना रहना।
कहें"कुशराम" जो मानो कहना,
बन सकती हो भारत रत्ना ।।
सब के हित में है जारी-- कला तेरी जग में है न्यारी ।
ओ भारत की नारी--कला तेरी जग में है न्यारी।।
रचयिता-बी.एस.कुशराम बड़ी तुम्मी
जिला-अनूपपुर (म.प्र.)
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