देश भक्ति से दिल न चुराना। आत्मनिर्भर है इण्डिया
बनाना॥
देश अपने का गौरव बढ़ाना। आत्म निर्भर है इंडिया
बनाना॥
अन्न जल तूने इसका है खाया,
कर्ज इसका न तूने चुकाया।
आज आपत्ति भारत पे आयी
कहर कोरोना कसकर मचाई॥
फर्ज अपना तू पूरा निभाना। आत्म निर्भर है
इण्डिया बनाना...॥
हुए अवरुद्ध उन्नति की राहें,
इसके आतंक से सब कराहें॥
सारी जिम्मेदारी तुम्हीं पर है आयी,
दूर दृष्टि करिश्मा दिखाई।
कदम पीछे न हरगिज हटाना।
आत्मनिर्भर है इण्डिया बनाना॥
अर्थव्यवस्था की टूटी कड़ी जो,
नीति अपनाना चाहिए बड़ी जो।
देश निर्मित सामग्री ही लेना,
नहीं मुद्रा विदेशों को देना॥
देश को है सुदृढ़ अब बनाना।
आत्मनिर्भर है इण्डिया बनाना... ॥
शान-शौकत को सीमित करो तुम,
स्वावलंबन का आश्रय धरो तुम।
स्वदेशी तकनीकी गौरव करो तुम,
स्वाभिमानी इरादा जनो तुम॥
मेक इन इण्डिया का नारा लगाना।
आत्मनिर्भर है इण्डिया बनाना।
देश भक्ति से
.......................................।
मूल्य रुपया का घटना रुकेगा,
चीन भी एक न एक दिन झुकेगा॥
अगर कहना सहोदर का मानो,
शीघ्र आगे बढे देश जानो॥
कर्तव्य अपना तुम पूरा निभाना,
आत्मनिर्भर है इण्डिया बनाना।
देश भक्ति से दिल न चुराना,
आत्म निर्भर है...................॥
रचनाकार:राम सहोदर पटेल,एम.ए.(हिन्दी,इतिहास)
स.शिक्षक, शासकीय हाई स्कूल नगनौड़ी
गृह निवास-सनौसी, थाना-ब्योहारी जिला शहडोल(मध्यप्रदेश)
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