मां
सुखबा अपने भंडारे भरीला हो
मां का दर्शन
करीला।
माता जी के चरणो
में है चारों धाम,
बन जाएंगे
तुम्हारे बिगड़े सब काम,
अमृत की गगरिया
भरीला हो
मां का दर्शन
करीला।
माताजी हैं सब
सुखियों की खानी,
मां सेवा करे
नहीं व्यर्थ जिंदगानी,
मातृशक्ति से
स्नेह हैं करीला हो
मां का दर्शन
करीला।
इस जग में जननी
की महिमा न्यारी,
मां सेवा से
दुखों से मिले छुट कारी,
अच्छे संस्कार
भरीला हो
मां का दर्शन
करीला।
त्याग करुणा
समर्पण साक्षात मूर्ति है मां,
जीवन जीने की कला
व इच्छा पूर्ति है मां,
हृदय में अपने
ज्ञान भरी ला हो
मां का दर्शन
करीला।।
रचना: रमेश प्रसाद पटेल
पुरैना ब्योहारी
जिला
शहडोल मध्य
प्रदेश
मो.9981415300
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