सोमवार, अगस्त 31, 2020

कोरोना का प्रभाव: देवीदीन चंद्रवंशी

कोरोना का प्रभाव
विश्व करुण क्रन्दमय है,
हा हा कार मचा है जग मे। 
लगता युद्ध तीसरा 
है, 
प्रकृति का प्रतिकार है
रग-रग मे।। 
अति व्याकुल है निज वतन,
इस महामारी के प्रकोप
से। 
यह धरा निर्जन हो रहा है, प्रकृतिक के कोप से।। 
इस समर में जीतने की शक्ति बनाना है, 
बचना है इस कहर 
से। 
निज जीवन जीने 
का, 
सकारात्मक सोच अपनाना है।। 
अति प्रचण्ड महामारी 
से, 
मरहम नही लगा घावो
में। 
ब्यथित वेदना जीवन 
की, 
जीवन बीता अभाव
में।। 
लाखो जान गई कुर्बानी से, 
इस तण्डव से विश्व काँप रहा है। इस महामारी के भीषण ज्वाला से, 
देश सुरक्षा माँग रहा 
है।। 
बाहर नही निकलना 
है, 
विनती करो निज सदन में। 
सुखमय जीवन जीना है, 
कसक न हो तनिक इस तन मे।। 

पाठ का नाम-कोरोना का प्रभाव 

स्वरचित कविता 
देबीदीन चन्द़वँशी 
तह0पुष्पराजगढ़
जिला अनूपपुर 
म0प्र0
अतिथि शिक्षक
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