शुक्रवार, जनवरी 24, 2020

गणतंत्र दिवस की शुभ बेला में: राम सहोदर पटेल


गणतंत्र दिवस की  शुभ बेला में,
               देशवासियों को बधाई मैं देता हूँ।
अमूल्य समय जो देते सब जन,
         धन्यवाद हृदय की गहराई से देता हूँ।

प्रेम मिलन का है यह दिन,
                खुशियां बांटो सब मिल करके।
गणराज्य स्वराज्य को प्राप्त हुआ,
             इस दिन को पूजो मन धो करके।।

स्वाधीन हुए हम अगस्त पंद्रह को,
              लेकिन अधिकार मिला इस दिन।
संविधान बना कर भीमराव ने,
              जनता के दूर किए दुर्दिन ।।

हमको यह खुशियां देने को,
                        कितनी जानें बर्बाद हुईं।
पता नहीं यह हमको है,
             देश की जनता कैसे आबाद हुई।।


थे निःस्वार्थ भाव उन पुरखों के,
                 प्रण अपना उन्होंने पूर्ण किया।
हमारी ही खुशियों की खातिर,
                 सब कुछ अपना होम किया।।

कर्तव्य हमारा अब क्या है,
                 कि उनका  बोझ संभाले हम।
गणतंत्र कभी परतंत्र न हो,
                 सौगंध आज ही खा लें हम।।

निज स्वार्थ से ऊपर उठकर,
                 उपकार भाव दिखलाएं हम।
सहयोग भाव को जागृत कर,
                  सभ्य समाज बनाएं  हम।।

परनिंदा से दूर रहें हम,
                     अपने को छोटा ही समझें।
बड़ाई अपना जो खुद करता,
                     उसको नीचा ही समझें ।।

बड़ा वही माना जाता है,
                  उपकार पराया जो करता।
दूसरों की प्रशंसा प्राप्त करे,
                  व्यवहार नम्रता का करता।।

पर चिंता की बात है यह,
               गणतंत्र का अर्थ न माने कोई।
मौका समझ भाषणबाजी का,
               योग्यता बखाने हर कोई।।

करें पराया पर्दाफाश,
               अवसर अच्छा पावें इस दिन।
वकपटुता की होड़ लगाने को,
                 इच्छा जगती है इस दिन।।

प्रभाव जमाते जनता पर,
                  जनसेवा का है ख्याल नहीं।
रखो सहोदर रिश्ता सबसे,
                 क्या राष्ट्र भाव का ध्यान नहीं?


रचनाकारराम सहोदर पटेल,एम.ए.(हिन्दी,इतिहास),
स.शिक्षक, शासकीय हाई स्कूल नगनौड़ी, गृह निवास-सनौसी, थाना-ब्योहारी जिला शहडोल(मध्यप्रदेश)
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