शनिवार, अक्टूबर 31, 2020

भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल (कविता): मनोज कुमार चंद्रवंशी

भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल
                          (कविता)

            सरदार   जी   का  जीवन  दर्शन,
            हम  सबके  लिए अनुकरणीय है।
            कर्मयोगी लौह पुरुष का योगदान,
            सियासत की धरा में अतुलनीय है॥
सरदार   पटेल    युग  प्रवर्तक  के   सच्चे  अवतारी थे।
दूर दृष्टा,   देशभक्त   मातृभूमि   के   परम   पूजारी थे॥

            प्रतिभा  के बहुमुखी  सरदार पटेल,
            बारडोली सत्याग्रह  में  आगे आए।
            महिलाएं   पटेल  को  उपनाम दिये,
           भारत में पटेल"लौह पुरुष"कहलाए॥
मन, वचन, कर्म से  भारतीय  संस्कृति  के संवाहक थे।
सरदार  अटल, निर्भीक  वर्ग विरोध  के  जननायक थे॥

           न्याय  प्रिय,   यथार्थवादी  पटेल,
           युग  दृष्टा,   साहित्य  साधक  थे।
           दीन- हीन वर्गों के मसीहा  पटेल,
           निज  मातृभूमि  के  आराधक थे॥
पटेलअनुशासन प्रिय,त्वरित निर्णय लेने की क्षमता था।
राज्य  एकीकरण  के अग्रदूत के हृदय में मानवता था॥

          राजनीति    एकता   के  सूत्रधार,
          संगठन शक्ति को  मजबूत किए।
          परतंत्रता की आंधी को रोक कर,
          "लौह पुरुष" होने का सबूत  दिए॥
सेवाभावी  पटेल "बिस्मार्क" के  नाम  से  प्रसिद्ध  हुए।
तन, मन से सियासत  एकीकरण यज्ञ को सिद्ध  किए॥

          अखंड भारत के स्वर्णिम सपनों को,
          सरदार   पटेल   जी  साकार  किये।
          प्रथम गृह मंत्री के पद में सुशोभित,
          राष्ट्रीय  एकता  को  मजबूत  किए॥
कर्मनिष्ट, मितभाषी, मृदुभाषी  जन-जन के  नायक थे।
प्रतिभावान, विराट व्यक्तित्व पटेल सब  के लायक थे॥

                         ✍रचना
                 (स्वरचित एवं मौलिक)
                 मनोज कुमार चंद्रवंशी
        बेलगवाँ जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश

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