रविवार, जुलाई 05, 2020

"सफलता निश्चित है" : मनोज कुमार चंद्रवंशी

"सफलता निश्चित है"

कर्तव्य   मार्ग    में   अटल   रहो,
निश्चित    कामयाब    होगे  वहाँ।
तू   हृदय   का   साहस  न  तोड़,
विकट  परिस्थितियाँ  हों   जहाँ॥

विघ्न, बाधाओं   को  लांध  कर,
अब     पहुँच      जाओ     वहाँ।
मन     में     दुस्साहस    न   हो
प्रतिकूल  परिणाम  आए  जहाँ॥

गर   रुक   गए   पथ   में  कहीं,
तो    फिर     सफलता    कहाँ।
इरादों    को     मजबूत     कर,
अनवरत   चलते   रहो    वहाँ॥

ध्येय  का  पथगामी   के  लिए,
कठिन       मुकाम         कहाँ।
लगन,  मेहनत,  धैर्य,  मनोबल,
अगर   साथ    में    हों   जहाँ॥

गर  लक्ष्य से  फिसल  चुके हो,
आशा  की दीप  जलाओ वहाँ।
रग  -  रग     में    जोश   भरो,
फिर  पथ  में  अंधकार  कहाँ॥

दुर्भाग्य    की   अमिट   लकीरें,
सौभाग्य में  तब्दील होगा वहाँ।
दृढ़    निश्चय,   समर्पण   भाव,
संकल्प    शक्ति     हो    जहाँ॥

मुसीबत   में    लक्ष्य    साधक,
पथ  से   विचलित  होते  कहाँ।
जहां   हर   कुछ   असंभव  हो,
सहज   कामयाब   होते   वहाँ॥

तम   हटेगा    लक्ष्य   मार्ग   से,
अब    अरुणोदय   होगा  वहाँ।
निश्चित    ही    मुसाफिर    का,
अब  भाग्योदय    होगा    वहाँ॥

                  रचना✍
        मनोज कुमार चंद्रवंशी
    जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश
रचना दिनाँक -0 3/07/2020

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