रविवार, जनवरी 05, 2020

शिवम की कविताएं:केमेस्ट्री,गणित


केमेस्ट्री
आओ सुनाते एक बिषय की हिस्ट्री,
जिसको हम नाम से जानते है केमेस्ट्री।


जल,अम्ल,लवण और क्षार,
केमेस्ट्री के सैतान है चार।


केमेस्ट्री मे चलती है तीन की शान,
जिनके नाम है इलेक्ट्रान,प्रोटाॅन और न्यूट्रान।


कोई समझ न पाया तेरी यह थ्योरी,
चाहे रदरफोर्ड हो या हो मैडम क्यूरी।

तुझमें इतनी क्यो है मिस्ट्री,
हाय रे !हाय ओ केमेस्ट्री ।
गणित
 गणित न होती  तो होते हम दुनिया से अनजान,
गणित बनाती  है जीवन को सरल और आसान।


गणित गणना से ही होते भूत,भविष्य,वर्तमान,
कैलेण्डर और घड़ी न होती न होता पल-पल का मान।


बेलन काट से टायर न बनता तो कैसे बनते वाहन,
स्कूटी,साइकिल,कार न होती न होते बस रेल विमान।


घन- घनाभ मे बसा हुआ है मानव का जहान,
ब्रम्हांड मे है नही इसका कही निशान।


मेडिकल रिपोर्ट से ही होता है निदान,
बीपी, शुगर व अन्य रोगों  की अंक करे पहचान।


हलवाई व दर्जी को नाप दिलाता है पहचान,
कर्मकार बनाते है दरवाजे व पक्के मकान।


गणित न होती  तो होते हम दुनिया से अनजान,
गणित बनाती  है जीवन को सरल और आसान।
रचनाकार:
नाम -शिवम् चर्मकार
वार्ड नंबर 19, ग्राम पोस्ट आखेटपुर तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल मध्यप्रदेश 



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