दोस्त
दोस्त वही है जिसने मेरी जिंदगी सवारी मुझको गले लगाके,बैठा दिया फलक पे मुझे खाख से उठाके।
दोस्त का पर्यायवाची शब्द सखा है,
झूठ दोस्त से मत बोलो क्योंकि उसने तुम्हारे साथ दुश्मनों की मार चखा है।
दोस्त को जीवन में कभी मत समझो कलंक,
क्योंकि वही तुमको चमकाता है जैसे कोई मयंक।
एक दोस्त का दूसरे दोस्त से होता ऐसा बंधन है,
यह आडम्बर नहीं भगवान का उपहार वाला प्रबंधन है।
दोस्त वही है जिसका मैं हूँ आभारी, उसके लिए ये कविता सजाके,
क्योंकि दोस्त वहीं है जिसने मेरी जिंदगी सवारी मुझको गले लगाके।
दोस्त को हम प्यार से बुलाते मित्र हैं।
दिखावा दोस्त से नहीं, क्योंकि उसको मालूम है आपका कैसा चरित्र है।
दोस्ती में किसी चीज का पहरा नहीं होता,
सच में मान लो दोस्ती में धोखे का रंग गहरा नहीं होता।
दोस्ती ने हर संबंध को दिया अलग-सा नजरिया,
जैसे तिरंगे का संबंध गहरा रंग केशरिया।
दोस्ती में होता अलग-सा प्रेम, अलग सा विश्वास है।
कृष्ण जी और सुदामा जी के जैसे इस का गवाह इतिहास है।
सुदामा के सगे मित्र हैं कृष्ण मुरारी, सारे भेदभाव हटाके।
क्योंकि दोस्त वही है जिसने मेरी जिंदगी सवारी, मुझको गले लगाके।
रचना: आर्यन पटेल,
कक्षा-9वीं
ख्रिश्ता ज्योति मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल
गोदावल रोड ब्यौहारी जिला-शहडोल (मध्यप्रदेश)
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