गुरुवार, सितंबर 05, 2019

गुरु का प्रकाश:अंजली सिंह

*गुरु का प्रकाश*
अंजली सिंह
गुरु ज्ञान, मान, सम्मान है,  
गुरु  की  महिमा   महान   है।

गुरु है वह पावन सुर सरिता,
जिसके हर  बूँद में ज्ञान है।

गुरु ज्ञान के पवित्र लहर में,
जीवन को जो भिगा लिया है ।

उसका तन मन ज्ञानकोष से, भरकर आभावान हुआ है ।

पाप-पुण्य और सच्चा-झूठा, आपसे इसका  ज्ञान मिला है।

गुरु ज्ञान से विमुख हुआ जो,
कभी न आगे वह  बढ पाया ।

जिसने गुरु से ज्ञान लिया वह,
हिमालय सा अडिग खड़ा है।
सफल  शिष्य  इंसान  बना है। 

हर शिष्य की यही कामना,
हृदय तमस का हरण करो।।

हर अतीत के पट पन्ने सब,
गुरु गाथा से भरा  हुआ है।।

हे! ज्ञान के प्रथम पुरोहित,
तुमको शत-शत नमन करुँ।।

*हर गुरुवर को समर्पित*

रचना: अंजली सिंह
उच्च माध्यमिक शिक्षक
शासकीय उ. मा. वि. भाद
जिला-अनूपपुर
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