शुक्रवार, सितंबर 06, 2019

जिन्दगी का सफ़र:नरेन्द्र पटेल


1. जिंदगी का सफर

राह पर बढ़ना मुश्किल है,
मगर बढ़ना ना भूलो दोस्तो।।


सीढ़ियां होंगी कठिन,
पर चढ़ना न भूलो दोस्तो।।


जिंदगी की राह पर,
मुश्किलें आएंगी बहुत।।


किंतु अपने आप से
लड़ना न भूलो दोस्तो।।

2. समय की कीमत


समय की कीमत रख
व्यर्थ न गवां एक पल,
मंजिलें तो आएंगी,
पहले घर से तो निकल



जग से जंग नहीं है
पहले मान तो ले तुम्हारा मन,

तुम्हारा कर्म हो उत्तम
तो सराहेगा तुम्हें जन-जन



उदास हो न बैठो
प्यास से हो विकल,
कोशिश करोगे तो
निर्झर फूटेगा कल-कल



चक्र हो, कुचक्र हो
इस फेर में तू 
न पड़,
लड़ने को और भी हैं
पहले उनसे तो लड़
  


डगमगा जाएं पांव तो
रुक, सम्हल फिर चल,
लक्ष्य का हो जाए वरण
तो चलता चल अविचल



कोई न चले साथ तो
निकाल ले पहला कदम,
साथ आएंगे सब
जब टूटेगा भरम
     

रचना:
नरेन्द्र पटेल
शिक्षक (राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त)
शासकीय हाई स्कूल दुलहरा
जिला-अनुपपुर (मध्यप्रदेश)
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4 टिप्‍पणियां:

Er. Pradeip ने कहा…

Nice Lines

Unknown ने कहा…

बहुत ही सुंदर कृति समयानुसार।

Unknown ने कहा…

प्रेरणादायी संवेदनशील कविता।

Unknown ने कहा…

Nice line

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