●नारी शक्ति तुझे प्रणाम●
★नारी शक्ति को समर्पित★
अदभुत अप्रतिम प्यारा नाम ,
नारी शक्ति तुझे प्रणाम ।
बाल संरक्षक काल संहारक ,
तू ही सारे जग की पालक ।
ऐसी रचना ईश्वर ने बनाई ,
जो उसके ही मन को भाई ।
जननी रूप धर स्वयं भगवान ,
सबका कष्ट हर बनी महान ।।
अदभुत अप्रतिम प्यारा नाम ,
नारी शक्ति तुझे प्रणाम ।
भोजन पकाए तो चूल्हे सी आग ,
ज्वाला बन जाए तो शत्रु जाएं भाग।
धरती की हर एक प्रजाति
इसे प्यार से शीश झुकाती।
हर रूप में प्यार फैलाती ,
तीनो लोक में पूजी जाती।।
अदभुत अप्रतिम प्यारा नाम ,
नारी शक्ति तुझे प्रणाम ।
मयखाने की यह मधुशाला ,
भूख लगे तो बने निवाला ।
नींद आए लोरी ये गा एं ,
कभी प्रेम दीपक बन जाएं ।
सभी रूपों में मन को भाए ,
इसलिए तो धाती कहलाए।
अदभुत अप्रतिम प्यारा नाम ,
नारी शक्ति तुझे प्रणाम ।
अदभुत अप्रतिम प्यारा नाम ,
नारी शक्ति तुझे प्रणाम ।
बाल संरक्षक काल संहारक ,
तू ही सारे जग की पालक ।
ऐसी रचना ईश्वर ने बनाई ,
जो उसके ही मन को भाई ।
जननी रूप धर स्वयं भगवान ,
सबका कष्ट हर बनी महान ।।
अदभुत अप्रतिम प्यारा नाम ,
नारी शक्ति तुझे प्रणाम ।
भोजन पकाए तो चूल्हे सी आग ,
ज्वाला बन जाए तो शत्रु जाएं भाग।
धरती की हर एक प्रजाति
इसे प्यार से शीश झुकाती।
हर रूप में प्यार फैलाती ,
तीनो लोक में पूजी जाती।।
अदभुत अप्रतिम प्यारा नाम ,
नारी शक्ति तुझे प्रणाम ।
मयखाने की यह मधुशाला ,
भूख लगे तो बने निवाला ।
नींद आए लोरी ये गा एं ,
कभी प्रेम दीपक बन जाएं ।
सभी रूपों में मन को भाए ,
इसलिए तो धाती कहलाए।
अदभुत अप्रतिम प्यारा नाम ,
नारी शक्ति तुझे प्रणाम ।
रचना:-
संगीता पवार,
जबलपुर
[इस ब्लॉग में रचना प्रकाशन हेतु कृपया हमें 📳 akbs980@gmail.com पर इमेल करें अथवा ✆ 8982161035 नंबर पर व्हाट्सप करें, कृपया देखें-नियमावली]
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