रविवार, नवंबर 15, 2020

दीपोत्सव: मनोज कुमार चंद्रवंशी

🎆दीपोत्सव🎆

आओ पावन  धरा में  अंतर्मन  का दीप  जलाएँ,
हृदय   से   कलुषता,  पापाचार   अवसान  करें।
धरा  में  समरसता, सद्भाव   का  रसधार बहायें,
हर दीन - हीन के  घर में  दीप  प्रज्वलित  करें॥

दीपोत्सव का सकल वसुधा में खुशियाँ छाया है,
घर-द्वार में दीपों का झिलमिल  असंख्य कतार।
दीप  ज्योत्सना  से हृदय  तिमिर अवसान  करें,
हर्षोल्लास से मनाएँ दिवाली का पावन त्यौहार॥

दिवाली  के  शुभ  मुहूर्त  में   उत्तुंग  उमंग  तरंग,
हर शोषित, वंचित  जनों  के  घर  में दीवाली हो।
कुम्हार  कृत  के  सौंधी  मिट्टी  का  दीप जलाएँ,
हर  असहाय  निबलों  के घर  में  खुशहाली हो॥

एक दीप  प्रज्वलित  करें  उन  शहीदों के नाम,
जो मातृभूमि के रक्षार्थ सरहद में बलिदान हुए।
भारत भूमि  की  सेवार्थ  अटल  प्रहरी बनकर,
जो सर्वस्व न्योछावर कर सरहद में कुर्बान हुए॥

पटाखों के धूम से  पर्यावरण  प्रदूषित  ना करें,
अंतर्मन का दीप प्रज्वलित कर दैदीप्यमान हो।
उम्मीदों का  चिराग  जीवन में कभी बुझे नहीं,
सौहार्द,भ्रातृत्व अपनाकर स्व प्रकाशमान हो॥


                      ✍रचना
               स्वरचित एवं मौलिक
              मनोज कुमार चंद्रवंशी
      बेलगवाँ जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश

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