हिंदी राष्ट्र धरोहर है
हिंदी संस्कृति सुता बहु भाषाओं की जननी है,
हिंदी नव विवाहिता सदृश्य मस्तक में सोहे बिंदी।
हिंदी भाषा की सुरम्य लय, ताल, यति, गति है,
हिंद भूमि में मधुरस सम सरस सुवासित हिंदी॥
हिंदी कोमल कविता, छंद, गजल, गीत सोहर है।
हिंदी भाषा सहज, सरस,सुवाच्य राष्ट्र धरोहर है॥
हिंदी कभी स्वतंत्रता की ज्वालंत चिंगारी बनी,
हिंदी से हिंद की धरती में फैला अति हर्ष।
हिंदी आंदोलन में क्रांतिकारियों का भाषा बनी,
हिंदी भाषा से कामयाब हुआ स्वतंत्रता संघर्ष॥
अलख जागृति का मिसाल हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हिंदी लेखनी की आवाज,जग में अति मनोहर है॥
हिंदी राष्ट्र की सुरम्य, सरल, सुहृद,सुग्राह्य भाषा,
हिंदी भाषा अखिल विश्व में सिरमौर है।
हिंदी भाषा पीयूष बनकर बहती है जीवन तल में,
सुंदर, सुबोध भाषा, जग में क्या कोई और है॥
हिंदी भाषा अति मनभावन, हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हिंदी भाषा सुवाच्य, सुलेख अति मनोहर है॥
हिंदी कवि वृंदो का लेखनी की भाषा,
हिंदी भाषा में साहित्य का अथाह वेग समाया है।
भारतेंदु हरिश्चंद्र हिंदी में साहित्य सृजन कर,
हिंदी को हिंद में उत्तुंग श्रृंग तक पहुंचाया है॥
हिंदी जन-जन की भाषा, हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हिंदी प्रतिष्ठित, कीर्तिमान विश्व का जौहर है॥
हिंदी भाषा में स्वराष्ट्र का स्वाभिमान छिपा है,
हिंदी भाषा का सर्वजन सहृदय से करें सम्मान।
हिंदी राष्ट्र की विविधता को एक सूत्र में समेटी है,
विश्व में हिंदी को नहीं होने देना है अपमान॥
अंतःकरण की यही पुकार, हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हिंदी भाषा सरल,सुबोध,जग में अति मनोहर है॥
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हिंदी दिवस के पावन अवसर पर सादर समर्पित।
✍ रचना
स्वरचित एवं मौलिक
मनोज कुमार चंद्रवंशी
(शिक्षक)
जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश
रचना दिनांक-13/09/2020
हिंदी संस्कृति सुता बहु भाषाओं की जननी है,
हिंदी नव विवाहिता सदृश्य मस्तक में सोहे बिंदी।
हिंदी भाषा की सुरम्य लय, ताल, यति, गति है,
हिंद भूमि में मधुरस सम सरस सुवासित हिंदी॥
हिंदी कोमल कविता, छंद, गजल, गीत सोहर है।
हिंदी भाषा सहज, सरस,सुवाच्य राष्ट्र धरोहर है॥
हिंदी कभी स्वतंत्रता की ज्वालंत चिंगारी बनी,
हिंदी से हिंद की धरती में फैला अति हर्ष।
हिंदी आंदोलन में क्रांतिकारियों का भाषा बनी,
हिंदी भाषा से कामयाब हुआ स्वतंत्रता संघर्ष॥
अलख जागृति का मिसाल हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हिंदी लेखनी की आवाज,जग में अति मनोहर है॥
हिंदी राष्ट्र की सुरम्य, सरल, सुहृद,सुग्राह्य भाषा,
हिंदी भाषा अखिल विश्व में सिरमौर है।
हिंदी भाषा पीयूष बनकर बहती है जीवन तल में,
सुंदर, सुबोध भाषा, जग में क्या कोई और है॥
हिंदी भाषा अति मनभावन, हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हिंदी भाषा सुवाच्य, सुलेख अति मनोहर है॥
हिंदी कवि वृंदो का लेखनी की भाषा,
हिंदी भाषा में साहित्य का अथाह वेग समाया है।
भारतेंदु हरिश्चंद्र हिंदी में साहित्य सृजन कर,
हिंदी को हिंद में उत्तुंग श्रृंग तक पहुंचाया है॥
हिंदी जन-जन की भाषा, हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हिंदी प्रतिष्ठित, कीर्तिमान विश्व का जौहर है॥
हिंदी भाषा में स्वराष्ट्र का स्वाभिमान छिपा है,
हिंदी भाषा का सर्वजन सहृदय से करें सम्मान।
हिंदी राष्ट्र की विविधता को एक सूत्र में समेटी है,
विश्व में हिंदी को नहीं होने देना है अपमान॥
अंतःकरण की यही पुकार, हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हिंदी भाषा सरल,सुबोध,जग में अति मनोहर है॥
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हिंदी दिवस के पावन अवसर पर सादर समर्पित।
✍ रचना
स्वरचित एवं मौलिक
मनोज कुमार चंद्रवंशी
(शिक्षक)
जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश
रचना दिनांक-13/09/2020
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