मंगलवार, जुलाई 14, 2020

वसुधा:बी एस कुशराम


🌲वसुधा🌲
वसुधा को हमें सजाना है,पर्यावरण बचाना है।
इस का मान बढ़ाना है,पर्यावरण बचाना है।।
   धरा धरातल धरनी धरती,
   हम सबके ये उदर को भरती।
   हमसे ना कुछ मांगे धरती,
   बिन मांगे पालन है करती।।
धानी चुनर ओढा़ना है,पर्यावरण बचाना है।
वसुधा को हमेंसजाना है,पर्यावरण बचाना है।।
   आओ सब मिल पेड़ लगाए ,
   वसुधा में हरियाली लाएं।
   वायु प्रदूषण करें नियंत्रण,
   स्वच्छता का लेवें हम प्रण।।
ये प्रण हमें निभाना है, पर्यावरण बचाना है।
वसुधा को हमें सजाना है,पर्यावरण बचाना है।।
   माना प्रगति है अति आवश्यक,
   अति लोलुपता बना विनाशक।
   सीमा रहित कर रहे हैं दोहन,
   प्रदूषण को नहिं करते नियंत्रण।
उद्योगों को अब चेताना है,पर्यावरण बचाना है।
"कुशराम"ने यह ठाना है,पर्यावरण बचाना है।।
वसुधा को हमें सजाना है, पर्यावरण बचाना है।
इसका मान बढ़ाना है,पर्यावरण बचाना है।।
दिनांक 11/07/ 2020 दिन-शनिवार
Ⓒरचनाकार- बी एस कुशराम बड़ी तुम्मी
         जिला अनूपपुर (मध्य प्रदेश)
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