मेरी एक रचना- "भारतीय सैनिक"
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अब और नहीं सहना चाहिए,
ये बात साफ कहना चाहिए।।
बहुत हो गया सीमाओं पर,
ये रक्त नहीं बहना चाहिए।।
अब आर-पार की बारी है,
बस अनुमति दो तैयारी है।।
हम तुमको चीन बता देंगे,
किस में कितनी दमदारी है।।
यदि भूल गए हो 67 को,
फिर से हम याद दिला देगें।।
हम पर तेरा एहसान नहीं,
ये भारत है पाकिस्तान नहीं,
जो गिरवी हो तेरे कदमों में,
रखते ऐसी पहचान नहीं।।
ना हारे थे ना हारेंगे,
हम घर में घुस कर मारेंगे।।
हर सैनिक के बलिदान का बदला,
लेकर कर्ज उतारेंगे।।
बहुत हो गया सरहद में यदि,
हमको तुम ऊकसाओगे,
है सौगंध तुम्हें माटी की,
चुन-चुन कर मारे जाओगे।।
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रचना:- ©️शिवानंद पटेल जिला उमरिया
(म.प्र.)
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1 टिप्पणी:
वीर रस की धारा में सुंदर पंक्तियां
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