मंगलवार, मई 12, 2020

जागरूक महिला किसान: बी एस कुशराम

जागरूक महिला किसान
परदेश ना जा सइयां मैं परौ तोर पइयां, किसानी कर ले-2
किसानी कर ले सइयां मैं परौ तोर...

वहाँ के मुसीबत का मैं न जान पइहौं।
यहाँ के घटना का मैं कइसे  बतइहौं॥
कइसे  बतइहौं सइयां मैं परौ तोर पइयां, किसानी कर ले-2

सास ससुर अब हो गए सयाने।
ताकत नहीं इनमें काम धंधा के लाने॥
धंधा के लाने सइयां मैं परौ तोर पइयां, किसानी कर ले-2

जमीन है खूब दुई नागर के बरदा।
खेती करइया नहीं घर मां कोऊ मरदा॥
कोऊ मरदा नहीं सइयां मैं परौ तोर पइयां, किसानी कर ले-2

तै नागर फंदिहे औ मैं करिहौं निदाई।
मिलजुल के दोनों हम करबै कमाई॥
कमाई करबै सइयां मैं परौ तोर पइयां, किसानी कर ले-2

खेती मां अपनाउब हम उन्नत तरीका।
कमाई मां कबहूँ ना परही फीका॥
न परही फीका सइयां मैं परौ तोर पइयां, किसानी कर ले-2

‘कुशराम’ कहे खेती है लाभ का धंधा।
काम करब मिला के कंधे से कन्धा॥
कंधे से कन्धा सइयां मैं परौ तोर पइयां, किसानी कर ले-2
परदेश ना जा सइयां मैं परौ तोर पइयां, किसानी कर ले-2
Ⓒबी एस कुशराम
प्रधानाध्यापकमाध्यमिक विद्यालय बड़ी तुम्मी
विकासखंड-पुष्पराजगढ़जिला-अनूपपुर
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