रास्ता नया बनाना है
मन में ले संकल्प,
रास्ता नया बनाना है!
हर मुश्किल है आसान,
बस पथबाधाओं से टकराना है!
तुम हो चले हो बूढ़े,
पर उनको यह सन्देश न दो,
इस धरती पर आया जो अभी-अभी,
उसको थकने का परिवेश न दो!
दुःख ही में तो,
दुःख रोक मुस्काना है!
...मन में ले संकल्प 1
...मन में ले संकल्प 1
जब रास्ता लगे कठिन,
आहिस्ता-आहिस्ता पग धारो!
मन जब डूबे गहरी उदासी में,
भर उल्लास खुद को उबारो!
मोती डूबा गहरे सागर में,
ढूंढ उसे ही लाना है! ...
मन में ले संकल्प 2
मन में ले संकल्प 2
दुनिया में नहीं है ऐसी उलझन,
जो सुलझ न पाए अप्रतिम प्रयासों से,
करनी होती है कोशिश अथाह,
दारिद्र्य दूर होता नहीं सिर्फ कयासों से
शनैः शनैः किये काजों का भी
परिणाम एक दिन आना है!
...मन में ले संकल्प 3
...मन में ले संकल्प 3
पथ नहीं यह दुर्गम,
यह तो पथचिन्त्य का बंटवारा है!
स्वचिन्त्य का हो विस्तार
फिर तो पूरा संसार हमारा है!
कितने गये यहाँ से दिए बिना कुछ,
कुछ ने भरा खजाना है!
...मन में ले संकल्प 4
...मन में ले संकल्प 4
तुम आये अभी-अभी जग में,
इस जग से ऊब गए?
लगता है किसी गहरे खंदक में
उतरे और डूब गए!
रोको सांस, फिर डूबो,
इस दरिया से पार तुम्हें पाना है!
...मन में ले संकल्प 5
...मन में ले संकल्प 5
निश्चयात्मक वृत्ति करो और बढ़ो,
अनिश्चयवृत्ति से विस्तारित होती है पथबाधा
प्रेम-प्रफुल्लित हो जो स्वागत करते
मंजिल आती ऐसे जैसे कृष्ण को राधा
पथ बाधाएं होंगी काँटों वाली
उन्हें ही तो गले लगाना है!
...मन में ले संकल्प 6
...मन में ले संकल्प 6
बहुत सरल है यह सब कहना,
करके दिखलाने का भी उद्यम करना है,
होगी ही कठिन तपस्या इस तप की,
हो सफल साधना, ऐसा संयम करना है.
सस्ता तप तो सब कर लेते हैं
वीरोचित तो कठिन साधना अपनाना है
...मन में ले संकल्प 7
...मन में ले संकल्प 7
हार नहीं वो जो रण में हारे,
हार वही है जो मन में हारे!
मन की जीत जो जिन्दा रख लेते,
मंजिल मिलती, होते मंजिल के रखवाले!
अपने चिन्तन में सिर्फ
जीत का जश्न मनाना है
...मन में ले संकल्प 8
...मन में ले संकल्प 8
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2 टिप्पणियां:
मन में ले संकल्प,
रास्ता नया बनाना है!
हर मुश्किल है आसान,
बस पथबाधाओं से टकराना है
सुंदर विचार, श्रेष्ठ कविता ।
सादर आभार.
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