आजादी के रंग
रजनीश(हिंदी प्रतिष्ठा)
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मातृभूमि नमन तुझको
जीवन का सर्वस्व समर्पण
पुष्पित रोली चंदन
हृदय तुझे है अर्पण।
दिन माँ आज स्वतंत्रता का
नवगीत बुनाने आया
आजाद विश्व धरा में
जैसे खग दल को चहकाने आया।
है यह आजादी उन परवानों का
है उनकी दिव्यता का पुण्य प्रताप
भारतवर्ष में हर्षोहर्ष
छायी मधुरस और हृदय प्रसाद।
उन वीरों का तिलक क्रांति
और उनका जीवन संघर्ष
है परिणाम हमारे समक्ष
दे रहा है मान जैसे भारतवर्ष।
खून से लथपथ उनकी काया
आँखों में चित्र बनी है छाया
कितनी माओं ने बेटों से बिछड़े
और संगिनी के सुहाग हैं उजड़े।
जीवन त्याग समर्पण कर
उन वीरों ने दी आजादी के राग
अपनी माँ के हृत-पल्लव में
पलने वाले एक थे ही चिराग।
उनकी स्मृति सदा हमें
हम करते गौरव गुणगान
हृदय पटल पर अविस्मरणीय हैं वो
और हैं वो कितने दिव्य महान।
नतमस्तक विश्व उनके दिव्यता के समक्ष
उठ भाग खड़ा हो जाता भीरु, विपक्ष
उनकी प्रचण्डता के सम्मुख कोई टिक ना पाता
मौत को उन्हें जैसे गले मिलाने आता।
आज चतुर्दिक भारतवर्ष में
जयगूँज है आजादी के पर्व का
राष्ट्र पूजा में शरीक हम
विषय है गर्व का।
शहीदों के शहादत को नमन
भारत की दिव्यता और चमन
उन वीरों के प्रसाद हैं
नतमस्तक उन विभूतियों को आज हम आजाद हैं।।
।। जय हिन्दुस्तां
वीरों का जहां ।।
।। जय हिंद
जय भारत ।।
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