पर्यावरण पर करमा गीत
फूट गया तकदीर, तेरे करमन से रे। हाय-2तेरे करमन से रे , फूट गया तकदीर, तेरे........।
1)
तेरे हित का काम करत हैं ये तरुवर है सारे।
हाय-हाय ये तरुवर हैं सारे।
फिर भी तेरे समझ न आवै, इनहिं चलावे आरे।।
तेरे करमन से रे फूट गया..................।
2)
पेड़ को कितना मारे-काटे तऊ न मानै बैर । हाय-हाय तऊ न मानै बैर।
मार का बदला फल है देता अउर मनाबै खैर। तेरे करमन से रे ।
फूट गया तकदीर....................।।
3)
आॅक्सीजन दे के साॅंस बचावै, पानी देके जान। हाय-हाय पानी देके जान।
धूप को सह छाया देवे, पर्यावरण महान। तेरे करमन से रे। फूट गया तकदीर.............।।
4)
वन महोत्सव लक्ष्य को देखो, पहली गलती सुधार।
हाय-हाय पहली गलती सुधार।
रखो सहोदर नाता इनसे ये मुक्ति के द्वार। तेरे करमन से रे। फूट गया तकदीर तेरे करमन से रे ............।।
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