पर्यावरण दिवस
साँसे कम तो होती जाती,
वृक्षों के अब जाने से |
प्रकृति प्रफुल्लित होती है,
सुंदर विटप लगाने से ||
जल जंगल अरु धरा धरोहर,
है सबकी आवाज |
वृक्ष लगाओ-प्रकृति वचाओ,
जागो सुप्त समाज ||
लौट आएगी हरीतिमा,
समस्या का समाधान होगा |
प्यारी धरती झूम उठेगी,
तरु लताओं की परिधान होगा ||
नव प्रभात की नव किरणें,
हर्षित सुमन लताएँ |
शुभ संध्या की वेला में ,
पुलकित सघन हवाएँ ||
पादप-प्रसून पुलकित होगा,
अनुपम अवसर आएगा |
शुभ संकल्प सुहावन होगा,
पांच जून हर्षाएगा ||
-डी.ए.प्रकाश खाण्डे
शासकीय कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़ ,जिला -अनूपपुर म .प्र .
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