मजदूर
मजदूर तो मजबूर है, पर स्थिति चकनाचूर है।
‘काम नहीं तो दाम नहीं’ कहावत ये मशहूर है ॥
घर बैठे जब काम नहीं जाता है दिल्ली, मुम्बई।
छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, बिहार, यूपी, चेन्नई ॥
काम वहां भरपूर है पर स्थिति चकनाचूर है
काम....
मनरेगा लागू है लेकिन सिस्टम ये नाकाफी है।
मजदूरी भुगतान में देरी कुछ रह जाते बाकी हैं ॥
असंतुष्ट मजदूर हैं पर स्थिति चकनाचूर है
काम....
घर बैठे यदि काम मिले या स्थल न अति दूर हो ।
क्यों जाएँ अन्यत्र कमाने कार्य सृजन भरपूर
हो ॥
मेहनतकश मजदूर है पर स्थिति चकनाचूर है
काम....
श्रमजीवी खुशहाल हों ऐसा उपक्रम लाना है ।
श्रम शोषण न होने पाए ऐसा नियम बनाना है ॥
श्रमिक तो बेकसूर है, पर स्थिति चकनाचूर है
काम....
श्रमेव जयते कहना है परिश्रम ही तो पूजा है ।
सुचारू जीवन जीने का जग में विकल्प नहिं दूजा
है ॥
श्रम के सिवा सब धूर है, पर स्थिति चकनाचूर है
काम....
कठिन परिश्रम और लगन से यदि की जाये काम जी ।
सफलता निश्चित मिलती है ये कहते ‘कुशराम’ जी ॥
समझ गये मजदूर हैं, अब हौसला भरपूर है ।
‘काम नहीं तो दाम नहीं’ कहावत ये मशहूर है ॥
(रचना दिनांक-01 मई 2020, विश्व मजदूर दिवस पर)
Ⓒबी एस कुशराम
प्रधानाध्यापक, माध्यमिक विद्यालय बड़ी तुम्मी
विकासखंड-पुष्पराजगढ़, जिला-अनूपपुर
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