सोमवार, मई 11, 2020

मजदूर:बी एस कुशराम


मजदूर
मजदूर तो मजबूर है, पर स्थिति चकनाचूर है
‘काम नहीं तो दाम नहीं’ कहावत ये मशहूर है

घर बैठे जब काम नहीं जाता है दिल्ली, मुम्बई
छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, बिहार, यूपी, चेन्नई

काम वहां भरपूर है पर स्थिति चकनाचूर है काम....

मनरेगा लागू है लेकिन सिस्टम ये नाकाफी है
मजदूरी भुगतान में देरी कुछ रह जाते बाकी हैं

असंतुष्ट मजदूर हैं पर स्थिति चकनाचूर है काम....

घर बैठे यदि काम मिले या स्थल न अति दूर हो
क्यों जाएँ अन्यत्र कमाने कार्य सृजन भरपूर हो

मेहनतकश मजदूर है पर स्थिति चकनाचूर है काम....

श्रमजीवी खुशहाल हों ऐसा उपक्रम लाना है
श्रम शोषण न होने पाए ऐसा नियम बनाना है

श्रमिक तो बेकसूर है, पर स्थिति चकनाचूर है काम....

श्रमेव जयते कहना है परिश्रम ही तो पूजा है
सुचारू जीवन जीने का जग में विकल्प नहिं दूजा है

श्रम के सिवा सब धूर है, पर स्थिति चकनाचूर है काम....

कठिन परिश्रम और लगन से यदि की जाये काम जी
सफलता निश्चित मिलती है ये कहते ‘कुशराम’ जी

समझ गये मजदूर हैं, अब हौसला भरपूर है
‘काम नहीं तो दाम नहीं’ कहावत ये मशहूर है
(रचना दिनांक-01 मई 2020, विश्व मजदूर दिवस पर)
 Ⓒबी एस कुशराम
प्रधानाध्यापकमाध्यमिक विद्यालय बड़ी तुम्मी
विकासखंड-पुष्पराजगढ़जिला-अनूपपुर

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