मंगलवार, अप्रैल 14, 2020

बाबा साहब: कोमल चंद कुशवाहा

भारत भूमि के अमर सपूत
बाबा साहब को नमन करें।
बाबा साहब की शिक्षा से
घर-घर में प्रकाश भरें।

एके दीप जलाया था बाबा ने,
चलो आज हजारों दीप जलाएं।
भाई चारा अपना कर,
बाबा का सम्मान करें।

बाबा के आदर्शो को धारणकर,
बाबा के वंशज कहलाएं।
मानो सब कुछ मानव है,
सबको यह बात बताएं।

भारत भूमि के अमर सपूतों
बाबा साहब को नमन करें।

शोषित समाज के अधिकार
शोषक से छीन लिए।
पुरानी परिपाटी को तोड़
सबको एक समान किए।

कर दिया उजाला ज्ञान का
पढ़ने का अधिकार दिए।
बाबासाहब सब कुछ अर्पित कर
शोषित समाज के लिए जिए।

जिसने जीना सिखलाया,
ऐसे महापुरुष को नमन करें।

वही हमारा भाग्य विधाता।
वही मार्ग दाता कहलाए।
अध्ययनतप से बने विद्वान,
सिंबल ऑफ नॉलेज कहलाए।

काव्य रचना: कोमल चंद कुशवाहा

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