बुधवार, अप्रैल 22, 2020

पृथ्वी को जानें:डी. ए .प्रकाश खाण्डे


पृथ्वी को जानें
हम  पृथ्वी  पर  निवास  करते  हैंपृथ्वी  पर  लाखो वर्ष  पूर्व  से  जीव निवास करते आ  रहा  है। समस्त  जीवों के  लिए  पानीहवामिट्टीवनस्पतियां पृथ्वी  पर पर्याप्त मात्रा में है परन्तु मानव  अपने  प्राकृतिक  वातावरण को निरंतर  दोहनकरते जा  रहा  है जिसके कारण  भूमि  में जल स्तर नीचेवर्षा  में  कमीप्रदुषण आदि समस्याएं बढ़ती जा  रही  है। विश्व में  औद्योगिक क्रान्ति  आने  से  सुविधाओं  का विकास  तो  हुआ  है  पर प्राकृतिक संसाधनों की  ओर भी हमें  ध्यान देने  की आवश्यकता है ।कारखानों , गाडी  -मोटर,रासायनिक पदार्थोजहरीली दवाओं से कार्वनडाईआक्साइड  की  मात्रा  बढ़ती जा रही  है  जिसके  कारण  पृथ्वी पर तापमान ज्यादा बढ़ रहा हैध्रुओं पर  जमी वर्फ  का  पिघलना  एवं  समुद्री  जल  का  एक  मीटर तक बढ़  जाने  का  खतरा हो सकता  है।

आज  22 अप्रैल  को  पृथ्वी  दिवस  हैइस अवसर  पर  विश्व  के सभी देश  भूमंडलीय समस्याओ  के  समाधान  हेतु वैज्ञानिक,शोधार्थीशिक्षक एवं  प्रबुद्धजनो  के द्वारा  पृथ्वी पर  बसे अनगिनत जीवो  के  हितार्थ कार्यशाला  - संगोष्ठी आयोजित  कर  पर्यावरण  एवं पृथ्वी  पर  नई जानकारियां  प्रदान  करते  हैं।

आइये  हम पृथ्वी  के  बारे में  जाने  और  पर्यावरणीय  समस्याओ  को  भी समझे।  सौर मंडल में  आठ ग्रह हैं - बुध  शुक्र  पृथ्वी  मंगल  वृहस्पति  शनि  अरुण  वरुण  है । सौरमंडल में डरी  क्रम का  पृथ्वी  तीसरा  ग्रह हैसभी  ग्रह सूर्य  की  परिक्रमा निश्चित अवधि  में  पूरी करते  हैं। पृथ्वी सूर्य की  परिक्रमा  365 दिन  6 घंटे  में  पूर्ण  करती है  और  परिक्रमण  के समय  इसकी  सतह  पर मौसमी  विविधताएं होती   है डरी जिसे  हम  ऋतुए  कहते  हैं ।पृथ्वी अपने  अक्ष  पर  23-1/2° झुकी हुई  है। पृथ्वी का एक  प्राकृतिक  उपग्रह  - चन्द्रमा  है ।रेडियोधर्मी  डेटिंग  के  अनुसार – चन्द्रमा पृथ्वी की  परिक्रमा  4.53 विलियन  वर्ष  पहले  शुरू किया है ।समुद्र  में  जल स्तर का  उतार – चढ़ाव जिसे  हम  ज्वार  - भाटा कहते  हैं। यह भौगोलिक  क्रिया पृथ्वी  और  चन्द्रमा के मध्य गुरुत्वाकर्षण के  कारण  होती  हैसमुद्र  में ज्वार भाटा आने से  पृथ्वी  अपने अक्ष  पर  रुक  जाती  है  तथा परिक्रमण  गति  मंद  हो  जाती है। पृथ्वी सूर्य चक्कर लगाने  के  साथ  - साथ  अपने  अक्ष  पर 365 बार  घूमती  है  जिसके कारण  रात - दिन  होते  हैं।
पृथ्वी  में  हवा  पानी  मृदा की  पर्याप्त उपलब्धता  के  कारण  ही  अनोखा  ग्रह कहते है । इस  गृह  में  जीवन की  अपार  सम्भावनाये  होने  के  कारण  इसे  सौरमंडल  का जीवित ग्रह भी कहा  जाता  है। सूर्य  की  परिक्रमा  में  पृथ्वी  की  गति  लगभग 1.07826 मील प्रति घंटे होती  है और  अपने  अक्ष  पर लगभग  1000 मील प्रति घंटे की गति  से  घूमती  है ।रेडियोधर्मी  डेटिंग  के अनुसार  भूवैज्ञानिकों  ने  पृथ्वी  की  आयु 4.54 विलियन  वर्ष  और द्रव्यमान 5.972000000000000000000 टन बताये  हैं। सूर्य से  पृथ्वी  की दूरी 149600000{चौदह करोड़  छियानबे लाखकिलोमीटर  है। अध्ययन में  सुविधा  के  लिए  हम  पंद्रह  करोड़  किलोमीटर पढ़  लेते  है । पृथ्वी  पर  तीन काल्पनिक  रेखाएं  है  -{1} कर्क  रेखा {2} भूमध्य रेखा  {3} मकर रेखा भौगोलिक अध्ययन हेतु  अक्षांश  रेखा  180 एवं  देशांतर रेखा  180  को  भी  जानना  आवश्यक है । पृथ्वी  में सात  महाद्वीप  -- एशिया  अफ्रिकायूरोप , उत्तरी अमेरिका , दक्षिण अमेरिका , आस्ट्रेलिया  एवं  अंटार्टिका  हैं ।चार  महासागर  - प्रशांत महासागरहिन्द महासागर , अटलांटिक महासागर  एवं आर्कटिक महासागर  है।  पृथ्वी  की  संरचना  को  हम  दो  भागो  में विभक्त किया  गया  है।
 {1} वाह्य  संरचना  :--
            {a} पर्वत  {b} पठार  {c} मैदान
 {2} आतंरिक संरचना :--
            {a} भू पर्पटी (सियाल)
             {b} सीमा 
             {c} नीफे ( भू क्रोड)
पृथ्वी  खगोलीय  पिंड  हैखगोलीय  घटनाये  भी  पृथ्वी  को  प्रभावित  कर  सकती  है। जैसे:- गृह उपग्रह  का  पृथ्वी  के  समीप  आनाधूमकेतु का  टूटना -----आदि। अतः पृथ्वी को  चिरायु रखनेके  लिए  हमें पर्यावरण  एवं  खगोलीय  अध्ययन की नितांत आवश्यकता है।
(आलेख में व्यक्त विचार लेखक के स्वयं के हैं)
आलेख: डी. ए .प्रकाश  खाण्डे  शासकीय कन्या शिक्षा  परिसर पुष्पराजगढ़  , जिला  - अनूपपुर  मध्यप्रदेश
आलेख: डी. ए .प्रकाश  खाण्डे  शासकीय कन्या शिक्षा  परिसर पुष्पराजगढ़  , जिला  - अनूपपुर  मध्यप्रदेश


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