पर्यावरण बचाना है
पृथ्वी दिवस मनाना है, पर्यावरण बचाना है ।
पचासवां ये पृथ्वी दिवस है,
मौसम जैसे ऋतु पावस है ।
उन्नीस सौ सतहत्तर प्रथम महीत्सव,
गेलार्ड नेल्सन ने किया था उद्भव ।
बाईस अप्रैल सजाना है पर्यावरण बचाना है-2
आओ सब मिल पेड़ लगायें,
धरती में हरियाली लायें ।
वायु प्रदूषण करें नियंत्रण,
स्वच्छता का लेवें हम प्रण ।
ये प्रण हमको निभाना है, पर्यावरण बचाना है-2
माना प्रगति है अति आवश्यक,
अति लोलुपता बना विनाशक ।
सीमा रहित हो रहा है दोहन,
प्रदूषण को नहीं करते नियंत्रण ।
उद्योगों को अब चेताना है पर्यावरण बचाना है-2
हर मौसम अब होते विचलित,
वर्षा जाड़ा धूप नहीं संयमित ।
इसका कारण मात्र मानव मन,
पृथ्वी का करता विच्छेदन ।
‘कुशराम’ तो ये माना है, पर्यावरण बचाना है-2
पृथ्वी दिवस मनाना है, पर्यावरण बचाना है ।
(गत दिवस से प्रकाशित)
Ⓒबी एस कुशराम
प्रभारी
प्राचार्य, हाई स्कूल बड़ी तुम्मी
विकासखंड-पुष्पराजगढ़, जिला-अनूपपुर
(रचना दिनांक 20 अप्रैल 2020)
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