आया पिशाच कोरोना
कोरोना आया कोरोना, आया पिशाच कोरोना!भला चाहते यदि अपनी तो तुम भी इससे डरो ना...।।
शासन और प्रशासन का कहना मानो।
अरे! भाई, लाॅकडाउन का पालन करो ना...।।बेवजह भीड़ एकत्र करना बंद करो ।
उत्सव, त्योहार मनाकर कोरोना को आमंत्रित करो न।।
मेरे या तेरे मरने का कोई गम नहीं।
पर लाकडाउन तोड़कर समाज का मौत करो न।।
सन्तुलित आहार कर, बन्द तू किबाड़ कर।
अपनी जरा सी भूल से जग को तबाह करो न।।
काम से फुरसत नहीं था अभी तक तू।
अब घर में ही रहकर माता-पिता की सेवा करो ना...।।
स्कूल, काॅलेज बन्द हुए हैं तो क्या?
घर भीतर ही बच्चों की शिक्षा में प्रोग्रेस करो ना...।।
बहुत घूमा है देश दुनिया हिल-स्टेशन।
अब घर के भीतर ही रहने का आनन्द चखो ना...।।
यदि जीवित बचोगे तो इतिहास रचोगे तुम।
अभी तो इससे मुकाबला के लिए साहस रखो ना...।।
घुटने टेक दिये सामर्थ्यवान देशों ने भी।
अपनी क्या औकात? अतः संयम तीव्र रखो ना...।।
यदि खुशी चाहते भाई-बन्धु, मात-पिता की।
तो समझो और स्वजनों को समझाए रखो ना...।।
अभी तक शिकायत थी समय व्यस्तता की।
अब तो फुरसत से कुछ भगवत-भजन करो ना...।।
जिन्दगी बची रही तो अवसर मिलेंगे अनेक।
अभी तो दृढ़ता से लाॅकडाउन का पालन करो ना...।।
रखो सहोदर नाता सबसे, खुद को रखो सम्हाल।
लाॅकडाउन के बाद मिलेंगे या पड़े विरह का रोना।।
रचनाकार:राम सहोदर पटेल,एम.ए.(हिन्दी,इतिहास)
स.शिक्षक, शासकीय हाई स्कूल नगनौड़ी
गृह निवास-सनौसी, थाना-ब्योहारी जिला शहडोल(मध्यप्रदेश)
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