गाँधी जी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गाँधी है,
इन्होंने ही आजादी की डोर बाँधी है।
दो अक्टूबर सन अठारह सौ उनहत्तर को जन्म हुआ इस स्वतंत्रता सेनानी का,
सम्मान करते हैं हम इस बलिदानी का।
गाँधी जी पर इस देश को गर्व है,
उनके जन्म दिन पर मनाते हम पर्व है।
तेरह वर्ष की उम्र में स्वयं की शादी करायी थी,
वह महिला कोई और नहीं कस्तूरबा बाई थी।
गाँधी जी ने इंग्लैंड में की कानून की पढाई थी,
1930 में नमक आन्दोलन में अंग्रेजों से की मुश्किल लड़ाई थी।
1942 में भारत छोडो आन्दोलन का बहुत बोलबाला था,
आख़िरकार भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी दिला डाला था।
गाँधी जी का कपडा बनाने वाला चरखा मशीन था,
गाँधी जी का रामराज्य का सपना कितना हसीन था।
नाथूराम गोडसे से गलती हुयी थी, उसे न माफ़ किया जाय,
गाँधी जी के रामराज्य से गंदगी साफ़ किया जाय।
इन्होंने ही आजादी की डोर बाँधी है।
दो अक्टूबर सन अठारह सौ उनहत्तर को जन्म हुआ इस स्वतंत्रता सेनानी का,
सम्मान करते हैं हम इस बलिदानी का।
गाँधी जी पर इस देश को गर्व है,
उनके जन्म दिन पर मनाते हम पर्व है।
तेरह वर्ष की उम्र में स्वयं की शादी करायी थी,
वह महिला कोई और नहीं कस्तूरबा बाई थी।
गाँधी जी ने इंग्लैंड में की कानून की पढाई थी,
1930 में नमक आन्दोलन में अंग्रेजों से की मुश्किल लड़ाई थी।
1942 में भारत छोडो आन्दोलन का बहुत बोलबाला था,
आख़िरकार भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी दिला डाला था।
गाँधी जी का कपडा बनाने वाला चरखा मशीन था,
गाँधी जी का रामराज्य का सपना कितना हसीन था।
नाथूराम गोडसे से गलती हुयी थी, उसे न माफ़ किया जाय,
गाँधी जी के रामराज्य से गंदगी साफ़ किया जाय।
रचना: आर्यन पटेल,
कक्षा-9वीं
ख्रिश्ता ज्योति मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल
गोदावल रोड ब्यौहारी जिला-शहडोल (मध्यप्रदेश)
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3 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया आर्यन।
अच्छी कविता अनुज
very nice line
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