शपथ हम आज लेते हैं ,विमल भारत बनाएंगे।
हो निर्मल गांव चौराहे , गली खोरी सफाएंगे ।
जलालय में नहीं हम मूत्र- मल ,नाली गिरायेंगे।
बीमारी ना कोई होवे ,सकल विपदा हटाएंगे ।
न शिक्षा केंद्र गंदा हो, निकट आवास परित: ही।
रखे निज देह को सुथरा, बसन निर्दाग धारेंगे ।
सौच शौचालय में जाने का,समझ सारे सिखाएंगे ।
कलम नाखून का करके ,अमल सब जन कराएंगे ।
स्वच्छता अभियान से जुड़कर, सभी कोई करें कोशिश,
मिशन सरकार का आगे, सफल भरसक बनाएंगे ।
न कोई होयेगा रोगी , न कोई रोग ही होगा ।
स्वच्छ भावो का वर्धन कर ,शपथ अनुचर बनाएंगे ।
पशू जो पालतू घर में , उन्हें भी स्वच्छता देंगे ।
मरे पर उनको अच्छे से ,दफन धरती कराएंगे ।
न पन्नी प्लास्टिक कचरे, धरा पर फैलने देंगे ।
नहीं दुर्गंध मारुत हो, समझ सब में जगायेंगे ।
सही कूड़े का निस्तारन ,मिशन संपूर्णता खातिर।
प्रदूषण को समन करने , हरे पादप लगाएंगे ।
ये कहता है सहोदर भाव को ,पीछे न हटने दें ।
कि अपने देश के खातिर, सदा तन मन लुटायेंगे।।
-राम सहोदर पटेल, सनौसी
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