(1) प्रेरणा गीत
पढ़ाई बिना देखो सब काम अटका-2
कर ले पढाई (हो)-2 चाहे मिले मुटका-
पढाई बिना.....
पढाई बिना.....
गुरु बिन ज्ञान, नदी बिन पानी
तीर बिना तरकस व कमानी
विद्या बिन लागे (हो)-2 दर-दर मां झटका –
पढाई बिना.....
पढाई बिना.....
तन बिन प्राण, प्राण बिन काया
ज्ञान बिना अंधियारी छाया
याही समय है (हो)-2 बुद्धी के खोल फटका –
पढाई बिना.....
पढाई बिना.....
बुद्धि है दौलत, बुद्धि है ताकत
बुद्धि से सोहरत, बुद्धि से इज्जत
बुद्धि को अपना ले (हो)-2 छोड़ मन के खटका –
पढाई बिना.....
है विद्यालय गाँव-गाँव मां
पढाई बिना.....
है विद्यालय गाँव-गाँव मां
आँगनबाडी ठांव-ठांव मां
लरिका पढ़िल्या..(हो)-2 छोडो सब लटका-......
पढाई बिना.....
पढाई बिना.....
अब ‘कुशराम’ के कहना मनो,
अक्षर के महिमा को जानो
सब कोऊ आवा..(हो)-2 बड़का हो या छोटका...
पढाई बिना.....
पढाई बिना.....
(2) छत्तीसगढ़ी प्रेरणा गीत
पढ़े जावन देना रे
सुघर पापा मोर
अब्बड़ बेरा होगे
मोला जावन देना......
अफसर बनाये बर पढ़ ले कइथस
तऊ काम धंधा मा लगाये रइथस
पढ़े जावन देना रे..........
सब्बो संगवारी मन आ गये होहीं,
प्रार्थना घलो हा हो गये होंही
पढ़े जावन देना रे..........
गाय गोरू ला अब चरवा झन मोला,
बेरी बेरी मैं हा कइथौ तोला
पढ़े जावन देना रे..........
पहिरे बर कपड़ा अउर किताब घलो मिलही,
अब तोला कुछु बेसाहे ना परही
पढ़े जावन देना रे..........
‘कुशराम’ के बोली ला अब माने ला परही,
नाहीं ता जिन्दगी मा पछताए ला परही
पढ़े जावन देना रे सुधर पापा मोर
अब्बड़ बेरा होंगे मोला जावन देना.......
© बी एस कुशराम
प्रधानाध्यापक, माध्यमिक विद्यालय बड़ी तुम्मी
विकासखंड-पुष्पराजगढ़, जिला-अनूपपुर
-000-
- आपसे अनुरोध है कि कोरोना से बचने के सभी आवश्यक उपाय किये जाएँ।
- बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाएँ, मास्क का उपयोग करें और शारीरिक दूरी बनाये रखें।
- कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से अच्छी तरह अपने हाथों को धोएं। ऐसा कई बार करें।
- आपकी रचनाएँ हमें हमारे ईमेल पता akbs980@gmail.com पर अथवा व्हाट्सप नंबर 8982161035 पर भेजें। कृपया अपने आसपास के लोगों को तथा विद्यार्थियों को लिखने के लिए प्रोत्साहित करने का कष्ट करें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें