पहेलियाँ:
रजनीश (काव्य प्रतिष्ठा)
(1)
छोटे में मैं
कच्चा
बढकर मैं पक
जाता
छील काटकर
मुझको खाते
मुंह को मीठा
लगता
पौष्टिक मैं
बढाता लोगों की
सेहत मैं
बनाता
सोचो-सोचो
मैं कौन हूँ
जल्दी बतलाओं
मैं कौन हूँ
(2)
रात भिगोकर
सुबह को खाते
मुझको गरीब
की काजू बतलाते
मैं सेहत का मस्त
मालिक हूँ
मैं लोगों की
भूख मिटाता
किसान मुझे
खेतों में उगाता
सोचो-सोचो
मैं कौन हूँ
बता दो भोला
राम मैं कौन हूँ
(3)
सबके जीवन को
चलाता हूँ
सूखे गले
जुडाता हूँ
एक-एक बूँद
की कीमत है मेरी
मैं ही काम
चलाता तेरी
अब बताइए,
मैं कौन हूँ
(4)
कागद ऊपर मैं
चलता हूँ
हर रगों से
मैं खिलता हूँ
भर देता हूँ
पूरा पन्ना
खाली नहीं रह
पाता
दुनिया पूरी
कहती है
कागद से मेरा
नाता
(5)
बिजली से मैं
चलता हूँ
हवाओं से घर
भरता हूँ
ठण्ड लगने से
बंद कर देते हैं मुझको
मैं सरल हूँ
मेरा नाम पता है सबको
(6)
ठंडी में मैं
काम आऊँ
ठंडी को मैं
दूर भगाऊँ
मेरा काम तपन
है देना
ना चंदा न
पैसा लेना
बतलाओ मैं
कौन हूँ
(7) गर्मी
में मन भर खाते हैं
ठंडा मीठा हो
जाते हैं
बाहर में
मुंह को ठण्ड करूं
अन्दर से पेट
को ठण्ड करूं
बच्चे आनंद
से खाते मुझको
मैं बच्चों
का मन भरूं
(8)
डम- डम करके
मैं बजता हूँ
सबको प्यारा
मैं लगता हूँ
मदारी मुझको
खूब बजाता
बजा-बजाकर मन
बहलाता
बताओ भोलूराम
मैं कौन हूँ
(9)
गोल-लाल मैं
पकता हूँ
सबको अच्छा
लगता हूँ
चटनी में
मुझको काम हैं लाते
स्वाद पूरा
बढ़ा देता हूँ
बताओ मैं कौन
हूँ
(10)
मैं सीमाओं
का रक्षक हूँ
डटकर सेवा
करता हूँ
दिन रात जगे
आँखों से
दुश्मन से
मैं लड़ता हूँ
बतलाओं
अठन्नीराम मैं कौन हूँ
(11)
ठण्ड से
किट-किट करता हूँ
पेड़ों पर मैं
रहता हूँ
पेटों पर
अपने बच्चे चिपकाए
उछल-कूद मैं
करता हूँ
बताओं
भोलूराम मैं कौन हूँ
(12)
पढने को
स्कूल हैं आते
रोटी अपने
साथ हैं लाते
मिल-बांटकर
खाते हैं
सबको मित्र
बनाते हैं
(13)
ट्रिन-ट्रिन
बजती मेरी धुन
दौड़ आते
आवाजें सुन
हाल चाल और
बातें होती फट-फट
बाते पूरा
होने पर मुझको करते कट-कट
बता दो भईया
राम मैं कौन हूँ
(14)
रात हुए तो
अंधियारी छाऊँ
मैं लोगों को
कुछ न दिखाऊँ
कंडील जलाकर
मुझको करते हैं दूर
जो मुझको
बतला देगा वह पक्का है शूर
उत्तर-
1. पपीता 2.
चना 3. पानी 4. पेन 5. पंखा 6. आग 7. बर्फ मलाई
8. डमरू 9. टमाटर
10. सैनिक 11. बन्दर 12. बच्चे 13. टेलीफ़ोन
14. अँधेरा/रात
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