कन्या, बालिका का पर्यायवाची अर्थ है,
बालिका को न पढाया तो कमाना व्यर्थ है।
जिस चीज को बालिका अर्जित करेगी, वो ज्ञान है,
जिसे अर्जित कर बालिका बनती विद्वान् है।
शिक्षा की भावना समत्व है,
बालिका शिक्षा का इस संसार में बहुत महत्व है।
बालिकाओं का शिक्षा लेना इस समाज में बाल अधिकार है,
इसीलिये सरकार को इनकी मदद करना स्वीकार है।
इस देश की बेटियों को हम सबने सरस्वती देवी माना है,
तो आज हम सबने भी यह ठाना है कि इस देश की बेटियों को पढ़ाना है।
जो गलती हमने पहले की उसे न हमें दोहराना है,
बालिकों को उनका शिक्षा का अधिकार दिलाना है।
बालिका लक्ष्मी, सरस्वती जैसी देवियों की अवतार है,
उसमें झलकते अच्छे परिवार के संस्कार हैं।
हमें बालिका शिक्षा को बनाना जरूरी है,
इसे कभी न बनने देना मजबूरी है।
कई लोग बेटियों को नहीं पढ़ाते केवल पैसों के कारण,
इन समस्यों का मिल जुलकर करें निवारण।
कुछ लोगों को लगता है पैसे जाते व्यर्थ में,
यह चीज बदल देती है समाज को अनर्थ में।
यह समस्या अभी एक स्वरूपीय तालाब है,
यदि ध्यान न दिया तो यही बन सकता सैलाब है।
इस मानसकिता को न बने रहने देना मेरा ख्वाब है,
मेरा दिल इन दिनों के लिए सदियों से बेतान है।
आज उन्हीं बेटियों पर इस देश को नाज है,
फिर भी कई लोगों को इस बात से क्यों ऐतराज है?
रचना: आर्यन पटेल,(ग्राम-पोस्ट बराछ)
ख्रिश्ता ज्योति मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल
गोदावल रोड ब्यौहारी जिला-शहडोल (मध्यप्रदेश)
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2 टिप्पणियां:
beutiful aaryan ....
बेहतरीन रचना happy new year 2021
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