प्रिय महानुभाव,
साहित्य और शिक्षा का समाज से घनिष्ट सम्बन्ध रहा है. साहित्य समाज का दर्पण तो है ही. साहित्य व्यक्ति की अन्तर्निहित अभिव्यक्ति को मूर्त रूप देने का एक सहज माध्यम भी है. हमारे मध्य बहुत से मूर्धन्य व्यक्ति हैं जिनमें साहित्यिक प्रतिभा है.ऐसी मूर्धन्य प्रतिभाओं की रचनाएं एक प्लेटफोर्म पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक सूक्ष्म प्रयास किया जा रहा है, विगत कुछ महीनों से "आपस की बात सुनें" नाम से एक साहित्यिक ब्लॉग/ पोर्टल का संचालन किया जा रहा है. जिसमें क्षेत्र के नौनिहालों/ युवाओं और प्रबुद्धजनों की रचनाएं प्रकाशित की जा रही हैं. यह इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि आज हर व्यक्ति के हाथ में इन्टरनेट सुविधा युक्त मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध है. ऐसे में इन्टरनेट पर अच्छी सामग्री उपलब्ध कराना और लोगों को रचनात्मकता की ओर उन्मुख करना हम सबकी जिम्मेदारी है.
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आग्रह:
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