ये नारी शक्ति होती है, ये नारी शौर्य होती है।
यही माधुर्य होती है, ये नारी ओज होती है।।
यही उत्साह भरती है, समझ की तेज होती है।
ये हैं सम्मान के काबिल, ये नारी धैर्य होती है।।
करो सम्मान नारी का, तो सब बात बन जाये।
करो सम्मान नारी का, तो रब भी खिलखला जाये।।
करो सम्मान नारी का, सकल धन सम्पदा आये।
करो सम्मान नारी का, तो घर में लक्ष्मी आये।।
ये पूजा योग्य होती है, सकल विपदा मिटाती है।
अगर यह रूठ जाए तो सकल सुखदा भगाती है।।
ये नारी तेरी जननी है, ये नारी मेरी जननी है।
ये नारी भूख सहकर के तेरा, जीवन सजाती है।।
ये नारी घर की लक्ष्मी है, यही है प्रेम की मूरत।
यही सुख में हो या दुख में तेरा, सहचर निभाती है।।
यही ममता की मूरत है, इसे कुल की जरुरत है।
यही भईया की बहना है, कलाई को सजाती है।।
ये नारी देवी की प्रतिमा है, जो कन्यादान हो जाती।
खिलाती दो जगह बगिया, सदन दोनों हंसाती है।।
ये नारी नर की जननी है नारायण की भी जननी है।
यही रण चंडी दुर्गा है, यही शारदा कहाती है।।
न इसके बिन कोई पूरा है, ब्रम्हा, विष्णु, शंकर भी।
यही है गम को बिसराये, यही ऊँचा उठाती है।।
ये नारी कम न मर्दों से, किसी भी क्षेत्र में मानो।
अगर नारी न हो तो जिन्दगी, बदहाल हो जाये।।
किया अपमान नारी का विपत्ति सब, घर में आ जाये।
सकल सुख चैन देती है, ये नारी खुश जो हो जाये।।
किया अपमान रावण ने, मिटा दी सोने की लंका।
किया अपमान दुर्योधन ने, तो कौरव दल ही मिट जाये।।
अगर यह रूठ जाए तो सकल सुख चैन लुट जाए।
अगर यह छूट जाए तो, ज़माने से भटक जायें।।
परिवार की गाड़ी चले है दोनों पहियों से।
अगर एक भी पहिया नहीं तो गाड़ी अटक जाए।।
इससे हित भी है तेरा, इसी से मान भी तेरा।
यही उत्कर्ष है तेरा, सफल अरमान हो जाए।।
अगर पूजोगे नारी को तभी सुख भोग पाओगे।
अगर पूजा नहीं कीन्हा विपत्ति तूफान आ जाये।।
सहोदर राय यदि मानो, इन्हें सम्मान जी भर दो।
अगर दिल जीत पाए तो, सकल सुख घर ही आ जाये।।
रचनाकार:- राम सहोदर पटेल,
शिक्षक, शासकीय हाईस्कूल नगनौडी, निवास ग्राम-सनौसी, थाना-ब्यौहारी, जिला-शहडोल (म.प्र.)
2 टिप्पणियां:
आपने बहुत ही सुंदर नारी पर कविता लिखा है सर आपको बहुत-बहुत बधाई सर आप नारी सम्मान की बात की है और नारी सम्मान की बात सभी को करना चाहिए
धन्यवाद!
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