"हिंदुस्तान की मिट्टी"
हिंद की मिट्टी में अजब सुगंध,
स्वर्णिम मिट्टी धरा की चंदन।
जिसमें महावीर, गौतम जन्में,
उस मिट्टी को शत - शत वंदन॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
इस मिट्टी में शौर्य, साहसी जन्में,
जिन्होंने मिट्टी को रक्त रंजित किया।
वीरों ने प्राणों की आहुति देकर,
अपना सर्वस्व बलिदान किया॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
धरा की रज को तिलक लगाकर,
रणधीर रणभूमि में उतर जाते हैं।
वीर रिपु दल का सर्वनाश कर,
विजय का पताका फहराते हैं॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
हिंदी की मिट्टी पतित पावन सी,
जिसमें मीरा,तुलसी का भक्ति है।
हिंद का मिट्टी अजब निराली,
जिसमें वीर शिवाजी का शक्ति है॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्मे सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
हिंद का मिट्टी वीरों का क्रीडा स्थल,
जिसमें योद्धा लहू की होली खेले हैं।
वतन के स्वाभिमान की रक्षा हेतु,
रणबांकुरों नाना यातना झेलें हैं॥
हिंदुस्तान की सोंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
हिंदुस्तान की उर्वर मिट्टी में,
धन-धान्य की बालियाँ खिलते हैं।
धरती माँ हरित चुनर ओढ़ी है,
जहाँ नव नित कलियाँ खिलते हैं॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि के रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
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रचना
स्वरचित एवं मौलिक
मनोज कुमार चंद्रवंशी
जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश
रचना दिनांक-13/08/2020
हिंद की मिट्टी में अजब सुगंध,
स्वर्णिम मिट्टी धरा की चंदन।
जिसमें महावीर, गौतम जन्में,
उस मिट्टी को शत - शत वंदन॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
इस मिट्टी में शौर्य, साहसी जन्में,
जिन्होंने मिट्टी को रक्त रंजित किया।
वीरों ने प्राणों की आहुति देकर,
अपना सर्वस्व बलिदान किया॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
धरा की रज को तिलक लगाकर,
रणधीर रणभूमि में उतर जाते हैं।
वीर रिपु दल का सर्वनाश कर,
विजय का पताका फहराते हैं॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
हिंदी की मिट्टी पतित पावन सी,
जिसमें मीरा,तुलसी का भक्ति है।
हिंद का मिट्टी अजब निराली,
जिसमें वीर शिवाजी का शक्ति है॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्मे सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
हिंद का मिट्टी वीरों का क्रीडा स्थल,
जिसमें योद्धा लहू की होली खेले हैं।
वतन के स्वाभिमान की रक्षा हेतु,
रणबांकुरों नाना यातना झेलें हैं॥
हिंदुस्तान की सोंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि की रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
हिंदुस्तान की उर्वर मिट्टी में,
धन-धान्य की बालियाँ खिलते हैं।
धरती माँ हरित चुनर ओढ़ी है,
जहाँ नव नित कलियाँ खिलते हैं॥
हिंदुस्तान की सौंधी मिट्टी का, अजर,अमर कहानी है।
मातृभूमि के रक्षार्थ, जिसमें जन्में सच्चे हिंदुस्तानी हैं॥
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रचना
स्वरचित एवं मौलिक
मनोज कुमार चंद्रवंशी
जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश
रचना दिनांक-13/08/2020
1 टिप्पणी:
बहुत सुंदर रचना मैं नतमस्तक हूं नमन करता हूं आप उच्च कोटि के उच्च श्रेणी के प्रतिषठापित कवि हैं
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