- रजनीश हिंदी(प्रतिष्ठा)
माँ 'हृत-द्वार' की है फुलवारी,
माँ 'हृत –गुंजन' की मधुवारी
माँ 'हृत-गगन'की है प्रसारी
माँ ऐसी होती रे मनुवारी……....
माँ के आँचल में 'वत्सल-सागर'
भरती संतानों के सुख की गागर
माँ के पाँव के छाँव के नीचे
सजता अपना जीवन है
माँ के स्नेहन से लगता ,जीवन अपना मधुवन है….......
माँ गोद खिलाती, है दुलराती
मधुनेह बाँटती है प्यारी माँ
सबकी माँ दुलारी माँ
माँ होती है फुलवारी माँ
और पिता की सहगामी माँ
मात-पिता के 'अक्ष-पटल' पर
दिखते संतानों के चित्र
मात-पिता का स्नेह निराला
लगता भाव विचित्र...........
माँ अपने हाथों कौर खिलाती,
बच्चों को मन भर है दुलराती
माँ 'हृत-मण्डल' पूरा सहलाती
माँ महाद्रुम दल की सुन्दर पाती.........
माँ 'हृत-द्वार' में अहसास भरे
जीवन में सुन्दरतम् स्वाद भरे
माँ 'जगत-दीप' की जननी है
माँ धरती की भी संगिनी है
माँ मन में मन भर स्नेह भरे
माँ औलादों पर वत्सल झरे
माँ धरती से नभमण्डल तक
'सृष्टि-शिखा' में ज्योतित है
माँ 'हत- प्रदेश' में पुण्य-सलिल और शोभित है........
दुःख सहती है, सुख देती है
दाती है पवित्र नाम
माँ 'हृदय-तल' में बसने वाली
स्नेहन बच्चों को बाँटना
माँ की महिमामयी काम.........
अँचरा तर लै ढांक माँ
दुग्धामृत पिलाये,
बच्चे को हष्ट-पुष्ट और कोमल बनाये
दिन-रात, सिखा-सिखाकर
संतानों को बड़ा किया.........
जीवन में दुःख सह-सह
औलादों को सुख ही सुख दिया
ऐसी ही होती है माँ,
माँ की ऐसी प्रवृत्ति
माँ को माँ ने गढ़ दिया
ये कैसी पुनीत है 'जीवन-वृत्ति'..........
माँ 'हृत-तल' की सुन्दरतम् वेदी में,
एक पवित्र हृदय की शीतल तार
माँ के मन से गीत निकलती
और हृदय को सहलाती मधुगुंजन बयार..........
माँ निर्मात्री संपूर्ण सृष्टि का,
करती सम्पोषण संपूर्ण दृष्टि का
उस दृष्टि में स्नेह है मधुवन
जैसे कोई बजे हैं सरगम
माँ रागों की फुलवारी है
माँ स्नेहन बाँटनवारी है
माँ सुन्दरतम् 'भाव-शिखा' का
चमत्कृत बिन्दुवारी है..........
संतानों की आँखें जब रोती है,
तब माँ की आखें रो पड़ती है
सारे दुःख छीन औलादों से
माँ धीरे-धीरे सहमती है........
वेदों के उच्चारों में माँ
साहित्य के गुंजारों में माँ
धरती की हरियाली में माँ
नभमंडल के क्यारी में माँ
'हृत-मण्डल' की फुलवारी में माँ
प्यारी माँ-प्यारी माँ।
हम सबकी प्यारी माँ.........
माँ को सबका आत्मार्पित है
माँ के पूजन में 'हृत-फूल' समर्पित है
माँ तू 'जीवन – ज्योति' दिया
तेरी सेवा में माँ
जीवन सबका अर्पित है............
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