पंचायत की मोहि सुरता आवै।
अंगूठा छाप को सरपंच बनावै ll
ओ इक दिन ना बैठक में आवे l
मौज-मस्ती दिनभर खूब उड़ावैll
अधिकार कर्तव्य का ज्ञान न होवैll
दिन भर ऐश आराम कर रात भर सोवै ll
जब ऊपर से जानकारी आवै।
झटपट सचिव को फोन लगावैll
5 साल में न किए एको काम।
दिनभर बैठकर करें आराम ll
जब चुनाव की बारी आवै l
हाथ जोड़ गोडन पर आवै ll
ग्राम स्वराज की कैसे नीति बनाईl
पढे लिखे जनता न अवसर पाई ll
संख्या लोकतंत्र का है बडे गुण l
ग्राम विकास में सबसे अवगुण ll
जब 5 साल बाद चुनाव आवैl
तब सरकार कुछ नीति बनावैll
कुछ इक योजना गांव तक आवैl
कुछ मिल बांटकर बीच में खावैll
जब तक ना होई शिक्षा के प्रसारl
तब तक विकास ना होई सरकारll
अब सरकार अच्छे कुछ नियम बनाई l
तब ग्राम उदय भारत उदय सफल होइ पाई ll
हास्य व्यंग-स्वरचित मनोज कुमार चंद्रवंशी
ओ इक दिन ना बैठक में आवे l
मौज-मस्ती दिनभर खूब उड़ावैll
अधिकार कर्तव्य का ज्ञान न होवैll
दिन भर ऐश आराम कर रात भर सोवै ll
जब ऊपर से जानकारी आवै।
झटपट सचिव को फोन लगावैll
5 साल में न किए एको काम।
दिनभर बैठकर करें आराम ll
जब चुनाव की बारी आवै l
हाथ जोड़ गोडन पर आवै ll
ग्राम स्वराज की कैसे नीति बनाईl
पढे लिखे जनता न अवसर पाई ll
संख्या लोकतंत्र का है बडे गुण l
ग्राम विकास में सबसे अवगुण ll
जब 5 साल बाद चुनाव आवैl
तब सरकार कुछ नीति बनावैll
कुछ इक योजना गांव तक आवैl
कुछ मिल बांटकर बीच में खावैll
जब तक ना होई शिक्षा के प्रसारl
तब तक विकास ना होई सरकारll
अब सरकार अच्छे कुछ नियम बनाई l
तब ग्राम उदय भारत उदय सफल होइ पाई ll
हास्य व्यंग-स्वरचित मनोज कुमार चंद्रवंशी
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