चरित्र
ईमानदारी+ सदाचार=चरित्र
मनुष्य का चरित्र ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है जिसके सामने संसार की समस्त शक्तियां झुक जाती हैं क्योंकि उसका चरित्र उसे अडिग एवं अटल रखता है । वह कभी कोई ऐसा काम नही कर सकता जिसे उसकी आत्मा स्वीकार न करती हो।
जो व्यक्ति अपने चरित्र को ही पूँजी मानकर किसी कार्य में लगता है,जो अपने उत्तरदायित्व को ईमानदारी से पूरा करने का निश्चय करने के बाद कदम उठाता है, जीवन मे उसे कभी असफलता का मुंह नहीं देखना पड़ता । प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन में यह धारणा पूरे विश्वास और दृढ़ता से जमा कर लेना चाहिए कि उसमें कुछ ऐसी विशेषता है जिसके कारण रिश्वत या भ्रष्टाचार उसे छू भी नहीं सकती। किसी के दबाव या प्रभाव में आकर अथवा किसी परिस्थिति से बाध्य होकर वह स्वयं को बेच नहीं सकता और न अपने आदर्शों और सिद्धांतों के साथ ऐसी किसी भी बात से समझौता ही कर सकता है जिसे उसकी आत्मा स्वीकार ना करती हो। उसके शरीर मे एक ऐसी आत्मा विद्यमान है जो विश्व के समस्त भौतिक प्रलोभनों से मुक्त है। जिसका किसी भी दशा में सौदा नहीं किया जा सकता ।
ईमानदारी जैसी मूल्यवान और महान् वस्तु संसार में कोई और नहीं है । जो लोग ईमानदारी को खो बैठते हैं उनके चारित्रिक गुण धीरे धीरे स्वयं समाप्त हो जाते हैं । भौतिक दृष्टि से वे भले ही कितने संपन्न दिखाई देते हों लेकिन उनकी यह सम्पन्नता वस्तविकता से कोसों दूर होती है।
जो व्यक्ति झूठ बोलता है, खूबसूरत नकाब लगाकर अपने बदसूरत चेहरे को ढकने का प्रयास करता है उसे स्वयं पर भरोसा नहीं होता । उसमें आत्मविश्वास भी नहीं होता । उसकी आत्मा उसे निरन्तर धिक्कारती रहती है कि तुम अच्छी तरह जानते हो कि तुम धोखेबाज हो । तुम वह नही हो जो संसार को दिखाने का प्रयत्न करते हो । एक दिन तुम्हारी सारी पोल-पट्टी खुल जाएगी । संसार को तुम्हारा असली चेहरा दिखाई देगा। तब सोचो, क्या होगा? संसार की नजरों मे तुम कितने गिर जाओगे। विश्वास करो तुम औरो को नहीं स्वयं को ठग रहे हो और यह अनुभूति उस व्यक्ति से आत्मविश्वास ही नहीं सभी शक्तियों को छीन लेती है । उसके चरित्र की धज्जियां उड़ा देती है और फिर वह आत्मविश्वास के साथ-साथ आत्मसम्मान से भी हाथ धो बैठता है ।
मेरा आग्रह है की जीवन मे चरित्र से बड़ा कुछ भी नही है ।आलेख:पुष्पेन्द्र पटेल, सिविल इंजीनियर,
पता-आखेटपुर, ब्यौहारी, जिला-शहडोल (मध्यप्रदेश)
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8 टिप्पणियां:
Nice.
Very Nice.
Thanks
Good pushpendra ji
Bahut acchi bakyans write kiye h sir
अत्यंत ही सराहनीय रचना
very nice
अत्यंत ही सराहनीय रचना
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