बुधवार, जून 17, 2020

सूखा कुत्ता : रजनीश हिंदी(प्रतिष्ठा)

                   सूखा कुत्ता
          रजनीश हिंदी(प्रतिष्ठा)

मैंने वास्तव में देखा था एक सूखे कुत्ते को
एक ही स्थान पर खड़ा एकटक
उस सूखे कुत्ते को
शरीर हल्का सा देह पतला सा
चमड़ी उखड़ी सी
बाल झड़े से एक स्थान पर
खड़ा उस कुत्ते को
मुझे आते देख वह कुछ कसमसाया जरूर था
सोचा कुछ देगा मुझे
पर दया न थी मुझ पर
क्रूरता की बरबसता थी मुझ पर
मैनें खाने को कुछ नहीं दिया
वह कई दिनों से भूखा जरूर था
चिपके पेट बयाँ कर रही थी
एकदम एकटक रोटी के सोच में खड़ा
कहीं दूर न जाने की आश में अड़ा
हड्डी निकले हुए शरीर की छोटी आकृति थी
अश्शश! ठंडी हवाएँ आँखों में
पार होती तब
क्षणिक भूख की तृप्ति और एहसास भरी
वास्तव में एकटक खड़ा वह सूखा कुत्ता
भूख से
तिलमिलाया जरूर था पर न हाथ आई उसके
बस! किस्मत पर रोता था।

3 टिप्‍पणियां:

Gyan Punj ने कहा…

बहुत अच्छा

Unknown ने कहा…

अति सुंदर रचना👌👌

Unknown ने कहा…

अति सुंदर रचना🙏🙏

तनावमुक्त जीवन कैसे जियें?

तनावमुक्त जीवन कैसेजियें? तनावमुक्त जीवन आज हर किसी का सपना बनकर रह गया है. आज हर कोई अपने जीवन का ऐसा विकास चाहता है जिसमें उसे कम से कम ...