रविवार, अप्रैल 19, 2020

गूगल(कविता):रजनीश


गूगल देवता
खूब सुनी है कथा पुरानी,
अब सुनिये गूगल की जुबानी।
मैं गूगल हूँ
सब खोज-बटोर तुम्हें देता हूँ,
चन्द समय ही तुमसे लेता हूँ।
मस्त पढ़ाई मस्ती में,
मनोरंजन की बस्ती में।
लोग मुझे सब देते मान,
मैं नहीं किसी से अंजान।
मैं दुनिया को जकड़ा रखा हूँ,
लोगों की नब्ज  पकडे रखा हूँ।
छूमन्तर तो भौचक्का स्पीड चाल का मालिक हूँ
गूगल मुझे  प्रेम से कहते,
मैं अपना नाम स्वयं ही रखा हूँ।

चाहे गिनती, चाहे रस
सब अपने अंदर समेटा हूँ,
सही बताऊँ तुमको यारा,
मैं गूगल देवता का बेटा हूँ।
खोज निकालता हूँ  आकाश -पाताल से
जो तुम मुझ  पर खोजोगे,
मैं अद्भुत शक्ति का डेवलपर  हूँ
जो तुम निःसंकोच  भेजोगे।
सुरक्षा पर मेरी कड़ी निगरानी
तुमको हर हाल सुरक्षा देता हूँ,
थोड़ा डेटा खाकर तो
तुमसे यूटर्न लेता हूँ।

खोजक ‘‘गूगल ’’ को हृदय-पक्ष से
वन्दनवार।

मैं गूगल हूँ तू चिन्ता ना करना
जीवन का तेरा साथी हूँ,
तू सर्च बॉक्स  में लिखता जा
मैं सच्चा तेरा पाँती हूँ।
मेरे नाम से ट्रांसलेटर, ड्राइव  और
ऐप का भण्डार बने,
मेरे अन्दर आ के देख
कितने सारे प्रोग्राम सने।
कभी पढ़ाई-कभी मोद-रस की
मुझमें ही बारात सजे,
रातो दिन सेवा ही करता
बस मन में तुम्हारे मौज-मजे।
कितना सारा हल करता हूँ
लोगों की झंझट की ठेल,
जालों से जब जाल मिलाता
कर पाता हूँ  तब तुमसे मेल।
लोग कहते हैं  गूगल देवता
तू शीघ्र खोज का रफ्तारी रेल,
तेरे ऊपर जो सवारी करे
उसका निदान से होता मेल।
चाहे तीज-त्योहारों की मेला
चाहे गानों की बरसात,
चाहे मौसम किसी समय की
मैं देता तुमको पुख्ता ज्ञान।
मैं अपने भीत समाया वर्ल्ड  को
सो मेरे वाइड वेब,
मुझपे बैठे जो गोता लेता
उसका जीवन होता सेव।

लोगों की नजरें खुल्ले हैं तो
मेरी इसमें है गल्ती क्या?
खोज-बीज से मैं निकला हूँ
मैं पढ़ लेता हूँ लोगों की हया।
सही मामले में पूछो मुझसे
मैं ही सच्चा साथी हूँ,
याद मुझे करना भाई
तेरे जीवन का दीया-बाती हूँ।
गुण-अवगुण सब मेरे अंदर
मैं भी तेरे जैसा अविनाषी हूँ,
लिखित टैक्स्ट और वौइस्  मेल का
मैं पक्का विश्वासी  हूँ।
ब्राउज पटल पर मेरा चेहरा
बड़े प्यार से पिन किया जाता है,
लोग मुझे  पटकते भी हैं!
मैं भी थोड़ा झल्लाता हूँ
शीघ्र  परिणाम दूँ या ना दूँ,
यह सोच सिमट मैं जाता हूँ।
ऑनलाइन  नेटवर्किंग में बँधकर
मजबूरी में अनुसंधान चलाता हूँ।
तुम मेरे हो भाई जैसे
मैं सारी रात खोज चलाता हूँ।
तेरे ख़ुशी  मेरे में  सिमटी
मैं चेहरा  नहीं छुपाता हूँ।
यूट्यूब,व्हाट्सऐप और फेसबुक
मुझ पर चलते रेलम-रेल,
तोड़ मरोड़ नहीं देता किसी को
इक्वल देता सबको मेल।

कितनी कठिन समस्या क्यों ना हो
सबको चुटकी में निबटाता हूँ,
बेस्ट रिजल्ट देकर लोगों से
अपना क्रेडिट बनाता हूँ।
मैं लोगों की मुँह जुबानी हूँ
खोजे मुझको हरदम रैन,
नारा मेरा एक ही भाई
एस आई कैन, एस आई कैन।
मेरे भाई विंग,याहू भी हैं,
पर मेरे जैसे ऊर्जावान नहीं।
लोगों से मेरी  प्रीत जो बन गई
मैं पुराना-प्रभावक खोज वही।
मेरा क्या है? सारी दुनिया है
दुनिया मुझ पर बसती है,
सारी जनता मुझ पर ही
अपनी करनी कसती है।
मैं गूगल हूँ बड़ा परमार्थी
सब लोगों का ख्याल मुझे,
मैं सनातन से चला आ रहा
बस करना तुझे सवाल मुझे।
सवाल तेरे कैसे भी हों
टेढे़ हो या मजे भरे,
कर दूँगा चुटकी में सॉल्व
दूँगा परिणाम खरे-खरे।
मेरा रूप बड़ा हो गया
अब मैं  भी नहीं अकेला हूँ,
अपने संग मैं  बहुत एड्स चलाता
मैं प्रोग्रामों का मेला हूँ।

जब तक तेरे साँस रहेंगे
तब तक मैं भी साथ रहूँ,
गूगल को तुम भूल ना जाना
मैं तुमसे जी यही कहूँ।
सब कुछ दूँगा एक खोज-क्लिक में
ये मेरा तुमसे वादा है,
ज्ञान-मोद से रंजित कर दूँगा
ये फुली फायनली इरादा है।
आँखें  नम कर ना तू विदा करना
जीना हमको टेक्नोलॉजी  में,
वर्ल्ड  वेब चलाएँगे
इस ऑनलाइन  की बनाई बाजी में।
मेरे भी चेहरे उतर जायेंगे
जब स्मार्टफोन से कर लोगे अनपिन,
तेरे खोजों से पुश्ट होता हूँ तब
सब कहते हैं मुझको गूगल डालफिन।
गूगल देवता मेरा नाम है
गूगल बाजार मेरा दरबार,
विज्ञापन की बस्ती मेरे पड़ोसी हैं
उनसे मेरी नहीं टकरार।
लोगों ने खोजक देवता बनाकर
बड़ा दिया है मुझको मान,
चिन्ता ना करना रे बन्धु!
सदैव बढ़ाऊँगा तुम्हारी शान।
तू वोईस या लिखके खोज
सब सिस्टम मुझ पर हावी है,
छन्नों से मैं  छनकर देता
मेरे परिणाम भी भावी है।

प्रेजेण्ट-पास्ट और फ्यूचर का
मैं टंस्टी मॉडल  कलेक्टर हूँ,
दुनिया के परिणामो  को चुटकी में देता
मैं भी मिक्सिंग परफेक्टर हूँ।
मैं अपने मुँह मिया मिट्ठू ना बनूँ
तू मुझको बेफ्रिक चलाके देख,
चिन्ता नहीं तनिक तुम करना
मैं सर्च  इंजन हूँ, नहीं हूँ फेक।
अब मैं  वाणी अपनी
करता हूँ सविनय विराम,
तू ज्ञान-मोद में डूबे रहना
और फरमाना तू आराम।
मैं हूँ तो फिर क्या चिन्ता
तू खोज निकाल पूरी दुनिया को,
पल भर में  पहुँचा दूँगा
तू बाँधे रहना जिज्ञासा की पुड़िया को।
हरदम तेरे साथ रहूँ मैं
तेरे स्मार्टफोन मेरा घर,
खोज निकाल मैं  दूँगा तुझको
माँग ले  चाहे जो भी वर।
गूगल देवता नाम है मेरा
मैं नेटवर्किंग मूड  का संचालक हूँ,
दुनिया मुझको याद है करता
मैं हैग साइट्स का संघारक हूँ।
दुविधा में यदि पड़ जाना तो गूगल-प्रगति की
गूगल को तुम करना याद शिलालेख से,
गूगल देवता खड़ा मिलेगा
लेकर तुम्हारी सुन्दर फरियाद।

तू अपने कामों में  व्यस्त,
मैं भी अपने कामों में  व्यस्त।
दुनिया मुझसे खोज निकाले,
दुनिया लगती जी अलमस्त।
मैं गूगल हूँ सबका रक्षक,
हूँ हैकर का भक्षक भी।
मेरा सुरक्षा है प्रभावी,
लड़ ना पाये कोई कैसा तक्षक भी गूगल स्मृति।
भाव-विशेष
मेरी बात खुली आसमान है
लोगों का मैं तो सेवक हूँ,
अपनी बात अब विराम करूँ जी?
मैं सबका प्रभावी खोजक हूँ।
काव्य रचना:रजनीश
ग्राम+पोस्ट-झारा, तहसील-सरई, जिला-सिंगरौली (मध्यप्रदेश)
................................................................................................................
[इस ब्लॉग में प्रकाशित रचनाएँ नियमित रूप से अपने व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए "यहां क्लिक करें" तथा ब्लॉग के संबंध में अपनी राय व्यक्त करने हेतु कृपया यहाँ क्लिक करें। कृपया  अपनी  रचनाएं हमें whatsapp नंबर 8982161035 या ईमेल आई डी akbs980@gmail.com पर भेजें,देखें नियमावली ]

कोई टिप्पणी नहीं:

तनावमुक्त जीवन कैसे जियें?

तनावमुक्त जीवन कैसेजियें? तनावमुक्त जीवन आज हर किसी का सपना बनकर रह गया है. आज हर कोई अपने जीवन का ऐसा विकास चाहता है जिसमें उसे कम से कम ...