गुरू की पहचान
गुरु का शिक्षा देने में महत्वपूर्ण होता
योगदान,
तीन बातें गुरु
में होना चाहिए, सदा रखिए ध्यान।
पहली बात
गुरु अपने विषय का होना चाहिए विद्वान,
शिष्य की किसी भी
शंका का कर सके पूर्ण समाधान।
इतना ही नहीं शिष्य के आत्म में प्रवेश कर दे
ज्ञान,
गुरु की विद्वता
शिष्य के लिए बन जाए वरदान।
दूसरी बात
गुरु को सदा ऐसा होना चाहिए चरित्रवान,
जिसका अनुकरण
करके शिष्य बन जाए महान।
गुरु स्वयं उच्च आदर्शों का उत्कृष्ट उदाहरण
होना चाहिए,
उसके ज्ञान, मन एवं
क्रिया में न कोई आवरण होना चाहिए।
तीसरी बात
गुरु का प्रत्येक शिष्य के साथ मित्रवत व्यवहार होना चाहिए,
आगे बढ़ाने की
भावना शिष्यों को दिखाई देना चाहिए।
गुरु को स्वार्थ व ज्ञान का न व्यवसाय करना
चाहिए,
संपूर्ण जीवन को
निष्पाप बनाने का प्रयास करना चाहिए।
शिष्य के प्रति गुरु की अटूट श्रद्धा होना
चाहिए,
वह श्रद्धा
अंधभक्ति नहीं, समझ उत्पन्न करना चाहिए।
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