शुक्रवार, जून 05, 2020

सच के आगे झूठ रहे तो- डी.ए.प्रकाश खांडे


आशा की जब लहर चले,अपना लहर चलाना तुम |
सच के आगे झूठ रहे तो,अपना सच छुपाना तुम ||
स्वाभिमान को डिगा न पाए , ऐसा  करना काम |
बेईमानी जब हाथ बढाए,अपना हाथ लुकाना तुम |
                      सच के आगे ..............
आये थे हरि भजन को, ओटन  लगे कपास |
राही राह बिछड़ कर बैठे,उसको राह दिखाना तुम ||
                      सच के आगे ...............
श्रद्धा विनती;उल्टी गिनती,सबको याद न रहती है |
सबका हो कल्याण सदा,उनको याद दिलाना तुम ||
                       सच के आगे ..............
आग लगाकर;आशा करना,होली का त्यौहार नहीं |
होली नहीं खेल आग की,उनको राज बताना तुम ||
                      सच के आगे ...............
घर का घड़ा फोड़कर जिसने,दौड़ लगाया सागर को |
दरिया से जो लौट कर आये,उसका प्यास बुझाना तुम ||
                     सच के आगे ................
गलियारों को गाल बजाकर, कभी न लेना साथ |
न जाने कब धोखा देदें, अपना ईमान बचाना तुम ||
                  सच के आगे ...................
जो अन्धकार में मंजिल ढूढें, करके तेरा विश्वास |
राही राह बिछड़ कर बैठे,उसको राह दिखाना तुम ||
                     सच के आगे ................
आशा की जब लहर चले, अपना लहर चलाना तुम |
सच के आगे झूठ रहे तो,अपना सच छुपाना तुम ||
  
          डी.ए.प्रकाश खाण्डे (शिक्षक )
शास.कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़, जिला - अनूपपुर ( मध्यप्रदेश )

1 टिप्पणी:

Er. Pradeip ने कहा…

Kya baat hai sir
गलियारों को गाल बजाकर, कभी न लेना साथ |
न जाने कब धोखा देदें, अपना ईमान बचाना तुम ||

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