शनिवार, अप्रैल 18, 2020

जग में सुंदर हैं दस काम:धर्मेंद्र कुमार पटेल


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जग में सुंदर हैं दस काम
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जग में सुन्दर हैं दस काम,
चाहे सुबह करो या शाम।
जग में सुन्दर........2

पहला काम योग - व्यायाम,
मिलता तन को बडा़ आराम।
दूसरा काम स्वास्थ्य की रक्षा,
तभी लगे यह जग अच्छा।।

जग में सुन्दर....... ‌‌

तीसरा काम बड़ा महान्,
पढ़ना चाहिए कला-विज्ञान।
चौथा काम सर्वश्रेष्ठ कहलाए,
ईश भक्ति और अन्तरध्यान।।

जग में सुन्दर ...........

पांचवां काम है कठिन परिश्रम,
बन जाते सब बिगडे़ काम।
छंठवां काम अनुशासित जीवन,
कभी न होगे तुम बदनाम।।

जग में सुन्दर..........

सातवां काम तीर्थों से बढ़कर,
माता-पिता गुरु की आज्ञा मान।
आठवां काम है दान पुन्य का कभी न हो मन में अभिमान।।

जग में सुन्दर .........

नौवां काम है जनसेवा का,
मानवता  की यही पहचान।
दसवां काम है हरपल खुश रहना,
हो जाएंगें सारे विपत्ति निदान।।

जग में सुन्दर............

काव्य रचना- धर्मेन्द कुमार पटेल✍️✍️ 

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