बुधवार, जून 30, 2021

कविता(काव्य): मनोज कुमार चंद्रवंशी की कविता पर कविता

'कविता' पर कविता 


कविता अनमोल भावों से सुसज्जित,
वसुंधरा  में   पीयूष  होकर  बहती है।
हृदय के  असीम  गहराइयों से उपजे,
भाव -भंगिमाओं  को  बयां करती है॥

सुधि पाठक काव्य का रसपान कर,
रसस्वादन   को हृदयंगम   करते हैं।
अलौकिक  आनंद  की अनुभूति को,
 कवि वृंद  लेखनी से  बयाँ  करते हैं॥

प्रस्फुटित  काव्य  की  प्रत्येक  बूंद में,
साहित्य  का  अथाह  वेग  समायी है।
मृद कविता साहित्य को उत्कृष्ट  कर,
साहित्य  को भाव  प्रधान बनायी है॥

कोमल  कविता  में  शब्द अगणित हैं,
काव्य भाव प्रवाह का आदि न अंत।
कविता  सरस,  सुहृद  मधुरस  सम,
काव्य  सौंदर्य  का  अनुभूति अनंत॥

काविता में  कवि का मर्म तिरोहित,
कविता मार्मिक भावों का चित्रण है।
कविता की हर पंक्तियां हृदयस्पर्शी,
काव्य जीवन यथार्थ का चित्रण है॥
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                     रचना
          स्वरचित एवं मौलिक
        मनोज कुमार चन्द्रवंशी
बेलगवाँ जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश
 

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