रविवार, मार्च 28, 2021

प्यार के रंग (कविता) : शोभा तिवारी



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दिन.... बुधवार 
दिनांक  ...17 - 03 - 2021

" कर्ज़ चुकाना पड़ता हैं  
              यहाँ फ़र्ज निभाता पड़ता  हैं  ,
   दुनिया का दस्तूर यही है 
        यहाँ गम में भी मुस्कुराना पड़ता है " ।
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दिन  - शुक्रवार 
दिनांक  - 26 - 03 - 2021

नहीं होता अब यकीन किसी पर 
जीवन मे हर इंसान  नया सबक दे जाता हैं ,
पहने हैं चेहरे पर सबने नकाब 
कोई  पराया तो कोई  अपना बन धोखा दे जाता है ।
झूठ की बुनियाद  पर टिकी है दुनिया  
सच को कोई पहचान नही पाता  है ।
स्वार्थ  और मतलब के लिए जीते हैं  लोग 
तभी तो आज इंसान ही इंसान  का दुश्मन बन जाता  है।
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सादर नमन माँ शारदा 
सादर नमन मंच 
दिनांक   -  28 - 03 - 2021
दिन -   रविवार 


प्यार के रगं हजार 
जिससे है जीवन मे बहार ,
खुशियों से झूमो ,नाचो , गाओ 
और मनाओ  रंगो  का त्यौहार  ।
जला के आज अपनी सारी बुराई 
होगी जीत हमेशा सच्चाई और अच्छाई की ,
गुजिया  और नमकीन की ख़ुशबू के साथ 
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार  ।


शोभा तिवारी "समीक्षा" 
उत्तराखंड  

आप सभी को मेरी और मेरे परिवार की ओर से आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई  🙏🙏💐💐😊😊
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