देशभक्ति गीत (आल्हा-लय)
भारत माता के दुश्मन को देंगे नाकों चना चबाय।
सरहद में की छेड़ा-छाड़ी तो हस्ती चीन की दऊ मिटाय ॥
शांति पुजारी हम तब तक हैं, जब तक रहिबो हाथ मिलाय।
दुश्मन बन यदि आँख दिखाया, तुरत ही आँख निकालू आय॥
हमको निर्बल मत समझे तू, हमरी हस्ती समझ न पाय।
आग्नि पुंज के हम अंगारे हैं, क्षण में तुझको देय जलाय ॥
राम कृष्ण की यह धरती है, अत्याचारी न टिक पाय।
दगाबाज तू तुच्छ दोगला, तेरा अंत निकट गया आय ॥
सुलझाने का झांसा देकर तू बार-बार देता उलझाय ।
सामत आया तेरा अब है, तेरी अकल ठिकाने नाय ॥
गुरु-चेला तुम दोनों सुन लो, पाक-चीन है कान लगाय ।
विस्तारबाद की नीति छोड़ो, गर चाहो अपना कुशलाय ॥
लैंड माफिया बनना चाहें, तेरी करम फूट गयी हाय।
अहंकार काफूर तुम्हारा, क्षण में ही हम देय कराय ॥
सीधी बात करें हैं जब तक, तेरे समझ में आवे नाय ।
औकात पे अपने यदि हम आ जाये, क्षण में तुझको देंय मिटाय ॥
तुझसा टेढा यदि हम हो गए, देंगे नानी याद दिलाय ।
दगाबाज दुर्नीति दुराग्रह, इससे बाज तू आता नाय ॥
सरहद नीति उल्लंघन करता, हम पर दोष लगाता आय ।
संबंध सहोदर यदि बिगड़ा तो, चक्र-सुदर्शन देंय चलाय॥
काव्यरचना:-
राम सहोदर पटेल, शिक्षक,
अति सुंदर पंक्तियां
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