गुजारिश: एफ. शिव
आसान से सवाल का,
आसान सा जवाब चाहता हूँ |
महकते हुए मंजर ए गुल से,
एक गुलाब चाहता हूँ |
रूठो ना मेरे सवाल पर,
बस एक हॅसी सा ख्वाब चाहता हूँ |
सफर कठिन है जिंदगी का,
मैं तो बस तुम्हारा साथ चाहता हूँ |
थम थम कर चल रही है जिंदगी,
बस इसे परवाज चाहता हूँ |
दो चार कदम चल कर थक जाता हूं मैं,
हमसफर बनने का एहसास चाहता हूँ |
हमसफर बन कर चलो मेरे साथ,
बस इसका जवाब चाहता हूँ |
मिलकर लिखेंगे नया
फलसफा जिंदगी का,
साथ चलने के लिए,
बस एक हमसफर चाहता हूँ |
मुमकिन है कि तुम दो साथ मेरा,
तुम्हारे साथ अपनी एक पहचान चाहता हूँ |
क्या दोगी तुम साथ मेरा?
बस इसका जवाब चाहता हूँ |
एफ. शिव
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय कटंगी
जिला बालाघाट मध्य प्रदेश
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया रचना के संबंध अपनी टिप्पणी यहाँ दर्ज करें.