रविवार, जून 21, 2020

योग से: बी एस कुशराम

छठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दिनांक 21 जून 2020 के अवसर पर एक स्वरचित कविता शीर्षक है
*योग से*
                           ⚜️योग से⚜️
सर्वप्रथम महर्षि पतंजलि, परिचय कराया योग से।
विवेकानंद विश्व को, सदमार्ग दिखाया आयोग से॥
  योग से निरोग तन हो, मन सुविचारित योग से।
  सद्भाव सद्गति सदाचार,होता प्रस्फुटित योग से॥
दुर्व्यवहार दुर्ब्यसन सब, दूर होता योग से‌।
तन और मन की दुर्बलता का, ह्रास होता योग से॥ 
  आध्यात्म सृजन सकारात्मक सोच, विकसित होता योग से।
  आधुनिक समय में तनाव से, मुक्ति मिलता योग से॥
सूर्य नमस्कार प्राणायाम की,सीख मिलता योग से।
कपालभांति विविध आसन का, ज्ञान मिलता योग से॥
   जीवन शैली का पूर्ण सार, समाहित है योग से।
   नित्य नियम निर्धारित कर,नाता जोड़ो योग से॥
तीन बरस से वयोवृद्ध,सभी जुड़ सकते योग से।
कुशराम कहें सभी अपनी,एम्युनिटी बढ़ाओ योग से

दिनांक 21 जून 2020
बी एस कुशराम

बड़ी तुम्मी, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश)
[इस ब्लॉग में रचना प्रकाशन हेतु कृपया हमें 📳 akbs980@gmail.com पर इमेल करें अथवा ✆ 8982161035 नंबर पर व्हाट्सप करें, कृपया देखें-नियमावली

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