सोमवार, जून 08, 2020

महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा: बी एस कुशराम


🌷महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा🌷

बिरसा मुंडा है महान, वो तो दलितों के भगवान।
फिर से आजा इस जहान, हम करते हैं आह्वान॥
गोंड जाति के सुगना पिता है गर्मी बाई मैया
झारखंड के खूंटी जिला में जन्मे बिरसा भैया।
बृहस्पतिवार का दिन रहा तारीख पंद्रह नवंबर।
बरस रहा है जानो भैया अट्ठारह सौ पचहत्तर॥
जन्मा है नन्हे जान,सबका होगा अब कल्यान।फिर से----
घर की स्थिति ठीक नहीं थी मामा के घर रहता था।
चांईबांसा मिशन स्कूल में भर्ती होकर पढ़ता था॥
मिशनरियों ने शर्त रखा था ईसाई धर्म अपनाओ तुम।
आगे की पढ़ाई तभी करोगे वरना अब घर जाओ तुम॥
बातें अब उनकी मान,पढ़कर हो गया सज्ञान। फिर से---
क्षेत्र में फैली महामारी और हैजा ने पसारा पांव।
त्राहि-त्राहि चहुंओर मच गया चौपट होता गांव।
ऐसे में बिरसा ने ठाना इनकी सेवा करना है।
गांव गांव हर क्षेत्र में जा पीड़ितों को ठीक करना है॥
अब वो कहलाए भगवान, सेवा करते सीना तान। फिर से---
अंग्रेजों के जुल्म देखकर बिरसा ऐसा काम किया।
इन फिरंगियों को खदेड़ने अपने मन में ठान लिया॥
उलगुलान का नारा देकर एक सेना तैयार किया।
यह जाने जब अंग्रेजों ने रांची जेल में डाल दिया॥
फिरंगी बन गए हैवान,दलित हो गए परेशान। फिर से---
बिरसा के विद्रोह के आगे अंग्रेज घबराए थे ।
धोखे से बिरसा को पकड़कर रांची जेल लाए थे॥
अभी उम्र पच्चीसवां जारी जहर दे उनको मार दिए।
नौ जून उन्नीस सौ को बिरसा प्राण त्याग दिए॥
,कुशराम,करे यह बखान,बिरसा हो गए कुर्बान।

फिर से आजा इस जहान, हम करते हैं आह्वान॥
     ©️बी एस कुशराम प्रभारी प्राचार्य
      शासकीय हाई स्कूल बड़ी तुम्मी
  मो-7828095047,9669334330
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